प्रोफेसर पद पर पदोन्नत किये गए डॉ. स्वयंभू शलभ

प्रोफेसर पद पर पदोन्नत किये गए डॉ. स्वयंभू शलभ

प्रकाश  कुमार 


रक्सौल/पूर्वी चंपारण
रक्सौल/वीरगंज स्थित ठाकुरराम बहुमुखी कैंपस में फिजिक्स के एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. स्वयंभू शलभ को त्रिभुवन विश्वविद्यालय द्वारा प्रोफेसर पद पर पदोन्नति कर दी गई है। रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा जारी इस पत्र को कैम्पस प्रमुख डॉ. उमेश चौरसिया ने बीते गुरुवार को डॉ. शलभ को भेंट किया। इस पदोन्नति के साथ

डॉ. शलभ भौतिक विज्ञान विभाग में सर्वोच्च अकादमिक रैंक प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बन गए हैं। ज्ञातव्य है कि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स की विशेषज्ञता के साथ फिजिक्स में एम.एससी. करने के बाद डॉ. शलभ ने 'स्टैटिस्टिकल मैकेनिकल थ्योरी ऑफ फ्लूड्स इन क्लासिकल एंड सेमी क्लासिकल लिमिट्स' टॉपिक पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। इस रिसर्च में प्राप्त इक्वेशन को यूनिवर्सल इक्वेशन के रूप में मान्यता मिली। उनके पेपर देश विदेश के विभिन्न मैगज़ीन में प्रकाशित होने के साथ साथ आईआईटी, खड़गपुर व 'इंडियन सोसाइटी ऑफ थ्योरेटिकल एंड एप्लाइड मैकेनिक्स' (इस्टाम) के इंटरनेशनल कांग्रेस द्वारा अनुमोदित हुए।

जयपुर में आयोजित 'इमर्जिंग ट्रेंड्स इन इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज' (आइस्टीज 2019) के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उन्हें इंटरनेशनल कीनोट स्पीकर के रूप में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। उक्त सम्मेलन में पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।डॉ. शलभ ने भौतिक विज्ञान शिक्षण समिति के चेयरमैन के रूप में भी अपने दायित्व का निर्वहन किया।

उन्हें त्रिभुवन विश्वविद्यालय, काठमांडू एवं ठाकुरराम बहुमुखी कैम्पस, प्राध्यापक संघ, वीरगंज इकाई समिति द्वारा 'दीर्घ सेवा पदक' से सम्मानित किया जा चुका है।उच्च शिक्षा के विकास में अपना अप्रतिम योगदान देने वाले डॉ. शलभ ने साहित्य और समाज सेवा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके व्यक्तित्व में विज्ञान और साहित्य का अद्भुत मेल है। हिंदी साहित्य में उनकी छः किताबें प्रकाशित हैं

जो देश विदेश में चर्चित रही हैं।डॉ. शलभ ने सामाजिक परिवर्तन की दिशा में कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं। उन्हें शिक्षा, साहित्य एवं समाज सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए हैं। भारत नेपाल के सीमा क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए उन्होंने कई मुद्दे उठाये जिन पर सरकार ने संज्ञान लिया है। यह सफलता अभिव्यक्ति की शक्ति का एक शानदार उदाहरण है।

डॉ. शलभ की इस उच्चतम शैक्षणिक उपलब्धि से रक्सौल और वीरगंज के लोगों में अपार हर्ष है। कैम्पस प्रमुख डॉ. उमेश चौरसिया, सहायक कैम्पस प्रमुख अनिल कुमार रमण, प्रो. दिनेश प्रसाद साह, प्रो. सुरेश प्रसाद, प्रो. रघुनाथ चौरसिया, पूर्व कैम्पस प्रमुख प्रो. उदय सिलवाल, प्रो. विश्व बिलास जोशी, डॉ. कृपासिंधु चौधरी, प्रो. शम्भू सिंह, प्रो. आशुतोष सिंह, प्रो. अमर कुमार मिश्र, प्रो. पंकज कुमार, प्रो. जयप्रकाश पांडेय, प्रो. रंजीत यादव, प्रो. शिव कुमार दास, प्रो. कामेश्वर महासेठ, डॉ. उमेश श्रीवास्तव, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. हरिंद्र हिमकर,

डॉ. हजारी प्रसाद गुप्ता, कैम्पस संस्थापक परिवार सदस्य संजय कुमार व शशि रंजन, नेपाल भारत सहयोग मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक वैद, उद्योग वाणिज्य संघ, बीरगंज के उपाध्यक्ष माधव राजपाल, रक्सौल चैम्बर ऑफ कॉमर्स के महासचिव आलोक श्रीवास्तव एवं शंभू प्रसाद चौरसिया समेत विभिन्न शैक्षणिक, सामाजिक व साहित्यिक संस्थाओं के प्रमुख ने बधाई दी है।