फैटी लिवर डिजिज क़ो नहीं करें नजरअंदाज: डॉ.दीपक कुमार
फैटी लिवर डिजिज क़ो नहीं करें नजरअंदाज: डॉ.दीपक कुमार
P9bihar news
प्रमोद कुमार शर्मा
मोतिहारी। अमन हॉस्पिटल में निःशुल्क फाइबरोस्कैन जाँच शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में लगभग 50 मरीजों का निःशुल्क में लिवर का फाइबरोस्कैन किया गया।हॉस्पिटल के डायरेक्टर सह बिहार सरकार के पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. दीपक कुमार ने कहा की भारत में फैटी लिवर की समस्या काफ़ी तेजी से बढ़ रही है। बिहार के चम्पारण में बहुत अधिक संख्या में लोग फैटी लिवर का शिकार हो रहे है।
फैटी लिवर क़ो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर इलाज नहीं होने पर आगे चल कर यही रोग लिवर फाइबरोसीस, लिवर सिरोसीस, यहा तक की लिवर कैंसर में तब्दील हो जाता है। फैटी लिवर के गंभीरता या ग्रेड क़ो पता करने के लिए फाइबरोस्कैन एक महत्वपूर्ण जाँच है।
मरीज क़ो फैटी लिवर की जानकारी होते ही उसके गंभीरता क़ो पता कर के समुचित इलाज व खान पान, रहन सहन में बदलाव कर के बिमारी क़ो ठीक कर लेना चाहिए नहीं तो भविष्य में दिक्क़तों का सामना करना पड़ सकता है।डॉ. कुमार ने कहा की हालांकि फैटी लिवर से ग्रस्त होने वाले व्यक्तियों में शुरु में तो कोई लक्षण नहीं दिखाई देते है लेकिन अगर शरीर में यह लक्षण दिखे तो इसे बिलकुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
जैसे पैरो में सूजन, थकान और कमजोरी, भूख कम लगना, पेट दर्द, आंख एवं त्वचा का पिलापन, वजन घटना, पेट में पानी होना, त्वचा में खुजली आदि होना।यह बिमारी अधिक मात्रा में कार्बोहाईड्रेड, चीनी, मैदा, मिठाई, चावल, तला भुना समान, डिब्बाबंद खाना, मटन, शराब, सेचुरेटेड फैट, ट्रांसफैट आदि के सेवन से यह बिमारी बढ़ती है या होती है।
इसके बचाओ के लिए मनुष्य क़ो संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमें कार्बोहाईड्रेड का मात्रा सीमित हो, हरी पत्तीदार सब्जी, फल, सलाद प्रचूर मात्रा में हो, प्रोटीन और अनसेचूरेटेड फैट का मात्रा भी प्रयाप्त हो। रेगुलर एक्सरसाइज, योग करना चाहिए।
जाँच शिविर खुशबू कुमारी, कौशल कुमार, कुमोद कुमार, नरेश यादव, बृजेश कुमार, रुनझुन देवी आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।मौके पर डॉ. मनीष कुमार वर्मा, अमित सिन्हा, ललन कुमार, अन्नू कुमारी, सुरेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, डॉ.राशिद अनवर, मुन्ना यादव आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।