प्रकृति के उत्सव का पर्व है बसंत पंचमी
प्रकृति के उत्सव का पर्व है बसंत पंचमी
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारीl
बसंत पंचमी एवं सरस्वती पूजनोत्सव का प्रसिद्ध तथा सर्वमान्य पर्व 14 फरवरी बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवती सरस्वती पूजन के लिए प्रातःकाल से सायंकाल तक का समय शुभ है। इस दिन वागीश्वरी जयंती,वाणी पूजा,बसन्तोत्सव,रतिकाम महोत्सव आदि के साथ विद्यानुरागी श्रद्धालुजन माँ सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना करते हैं।
यह प्रकृति के उत्सव का पर्व है।उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी।उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार वाग्देवी सरस्वती ब्रह्म स्वरूपा,कामधेनु तथा समस्त देवों की प्रतिनिधि मानी गयी हैं और यही विद्या,बुद्धि एवं ज्ञान सहित अनंत गुणशालिनी देवी सरस्वती हैं।
बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु के आगमन का संकेत मिलने लगता है। इसी समय से शान्त,ठंडी और मन्द वायु कटु शीत का स्थान ले लेती है तथा सबों को नव प्राण व उत्साह से आनंदित करती है।इस दिन व्रत रखकर सरस्वती पूजन करने से वाणी मधुर होती है,स्मरण शक्ति तीव्र होती है तथा विद्या में कुशलता प्राप्त होती है।