समस्त पापों का नाश करने वाला होता है रविवार का व्रत
समस्त पापों का नाश करने वाला होता है रविवार का व्रत
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
मार्गशीर्ष (अगहन) मास के महा रविवार व्रत का अनुष्ठान 27 नवम्बर रविवार को किया जाएगा। वैसे जो व्रती किसी कारण वश 27 नवम्बर को व्रत नहीं कर सकेंगे,वो 4 दिसम्बर को पड़ने वाले रविवार व्रत को कर सकते हैं।उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में विद्वानों के बीच हुये विचार-विमर्श के बाद प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय,पं•विनोद पाण्डेय,राकेश तिवारी,रुपेश ओझा,सुधीर दत्त पाराशर,
विकास पाण्डेय,राजन पाण्डेय,कुन्दन पाठक,सुधाकर पाण्डेय,अभिषेक कुमार दूबे,रोहन पाण्डेय,पवन दूबे,दीनानाथ पाठक,राजकुमार मिश्र,धर्मेन्द्र चौबे,आशीष उपाध्याय,अरुण तिवारी आदि ने संयुक्त रूप से दी।प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने बताया कि रविवार सूर्य देवता की पूजा का दिन है। जीवन में सुख-समृद्धि,धन-संपत्ति,उत्तम स्वास्थ्य और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है।
रविवार का व्रत करने व कथा श्रवण करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। मान-सम्मान,धन,यश तथा उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।उन्होंने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार रविवार के व्रत को समस्त पापों का नाश करने वाला माना गया है।
इस व्रत के दिन सूर्य देवता की पूजा करने,आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करने व सूर्यार्घ्य देने का विधान है। इस दिन तेल रहित एक बार भोजन किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्रती जीवन पर्यन्त तमाम सुखों को भोगता है तथा मृत्यु के पश्चात् सूर्यलोक में गमन कर मोक्ष को पाता है।