महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा साप्ताहिक संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया

महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा साप्ताहिक संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया

महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा साप्ताहिक संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी,पू०च०।
महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा साप्ताहिक संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया। विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा शोधार्थियों के बीच नवीन विचारों एवं शैक्षिक अभिवृद्धि को बढ़ावा देने के लिए राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा साप्ताहिक संगोष्ठी की शुरुआत की गई। कार्यक्रम को औपचारिक रूप से डॉ0 नरेन्द्र कुमार आर्य, एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा शुरू किया गया और यह सूचना दी गई कि प्रत्येक शुक्रवार को विभाग में साप्ताहिक संगोष्ठी का आयोजन किया जाना सुनिश्चित किया गया है।

इस कार्यक्रम में विभाग के विद्यार्थियों के साथ-साथ शोधकर्ताओं ने भी श्रीलंका में वर्तमान राजनीतिक-आर्थिक संकट विषय पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 नरेन्द्र सिंह, सहायक आचार्य के द्वारा किया गया। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिभागी स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त करें। जिससे नए विचारों एवं नए अनुभवों का आदान-प्रदान हो सके। सभी प्रतिभागियों ने ज्वलंत मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण वहां की प्रतिबंधित पर्यटन सेवाओं के कारण पर्यटन से होने वाली विदेशी आय का हृ्रास, राजपक्षे सरकार द्वारा टैक्सों में भारी कटौती के कारण सरकारी खजाने में कमी, सिहलीं लिट्टे विवाद,

ऑर्गेनिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न उर्वरकों पर प्रतिबंध के कारण चावल के उत्पादन में अप्रत्याशित गिरावट, वर्ष 2022 में 4 अरब डॉलर विदेशी कर्ज का बोझ, चीन का श्रीलंका में अत्यधिक हस्तक्षेप, रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव, भाई-भतीजावाद, श्रीलंका के आर्थिक संसाधन का कुप्रबंधन व भ्रष्टाचार आदि मुख्य बिंदु रहे, जो श्रीलंका संकट उत्पत्ति के कारण बने। संगोष्ठी में मंच संचालन शोधार्थी विजय कुमार के द्वारा किया गया एवं मनीष कुमार, विनीत नैतिक, उज्जवल गुप्ता, सविता कुमारी, कुमार देवाशीष, सर्वेश्वर पांडे, मनोज चैधरी, राहुल रंजन व राहुल राज द्वारा विषय पर विचार साझा किए गए

तथा प्रोफेसर राजीव कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर सरिता तिवारी, एसोसिएट प्रोफेसर नरेन्द्र कुमार आर्य,सहायक आचार्य डॉ0 नरेन्द्र सिंह, सहायक आचार्य डॉ0 पंकज कुमार सिंह, सहायक आचार्य ओमप्रकाश गुप्ता एवं सहायक आचार्य प्रेरणा भादुली आदि उपस्थित रहे। सेमिनार का फीडबैक शीतेष एवं अपूर्वा के द्वारा दिया गया।