परिवार नियोजन विषय पर शहरी आशा और एएनएम की दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

परिवार नियोजन विषय पर शहरी आशा और एएनएम की दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

परिवार नियोजन विषय पर शहरी आशा और एएनएम की दो दिवसीय कार्यशाला संपन्न

जन्म के बीच पर्याप्त अंतर के गिनवाए गए फायदे

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
मुजफ्फरपुर।
जिला स्वास्थ्य समिति, पाथ फाइंडर इंटरनेशनल एवं आरके भाटिया फाउंडेशन के सहयोग से गुरुवार को बीबी कॉलेजिएट में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिवार नियोजन कार्यक्रम के उन्नयन हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया।  कार्यशाला का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र शर्मा ने किया। इस कार्यशाला में मुजफ्फरपुर शहरी प्राथमिक केंद्रों में कार्यरत आशा एवं एएनएम को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों को युवा दम्पत्तियों के बीच  प्रसार करने हेतु काउंसिलिंग एवं अंतर वैयक्तिक संवाद स्थापित करने के बारे में बताया गया।

जिससे आशा एवं एएनएम युवा दंपत्तियों के बीच प्रभावी तरीकों से गर्भ निरोधक के साधनों की मांग को बढ़ा सकने में सक्षम हो सकें।  डीसीएम राजकिरण ने जिला के शहरी क्षेत्र में चलाए जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया एवं कहा कि पाथ फाइंडर इंटरनेशनल के इस परियोजना के अंतर्गत इन कार्यक्रमों के उन्नयन हेतु तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी सह नोडल पदाधिकारी परिवार कल्याण डॉ सुभाष कुमार के द्वारा परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों को युवा दम्पतियों के बीच इनका प्रचार प्रसार करने हेतु काउंसलिंग एवं अंतर व्यैक्तिक संवाद स्थापित करने के बारे में सहभागिता विधि से बताया गया।


पाथ फाइंडर के डॉ राकेश झा ने कार्यशाला के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की और बताया कि यह कार्यक्रम आरके फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित है।  उन्होंने शहरी क्षेत्र में परिवार नियोजन हेतु दो बच्चों के जन्म के बीच पर्याप्त अंतर  रखने और इससे होने वाले फायदे के बारे में बताया। इसके अलावा सुहाषिणी एवं अंकिता कुमारी ने परिवार नियोजन के विभिन्न विधाओं के बारे में प्रतिभागियों  को विस्तृत जानकारी दी । कार्यक्रम के सफल संचालन में प्रियंका का सराहनीय योगदान रहा।कार्यशाला के दौरान केयर डीटीएल सौरभ तिवारी ने जिले में चल रहे परिवार नियोजन कार्यक्रमों की सफलता और चुनौतियों को इंगित किया।

एसीएमओ डॉ सुभाष कुमार ने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत ही जरूरी होती है। अक्सर यह देखा गया है कि महिलाएं ही परिवार नियोजन के लिए आगे आती हैं। जबकि पुरुषों की नसबंदी महिलाओं की तुलना में आसान और प्रभावी होती है।