अंकल अब मैं खेलने बाहर जा सकता हूं
-जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी ने एईएस से ठीक हुए आशीष से फोन पर बात कर जाना हाल। आशीष ने मांगी खेलने का परमिशन
प्रमोद कुमार
सीतामढ़ी, 27 अप्रैल। हैलो, मैं जिला भीबीडी नियंत्रण कार्यालय से बोल रहा हूं। दूसरी तरफ से आवाज आई नमस्ते अंकल, अब मैं ठीक हूं। अंकल अब मैं खेलने बाहर जा सकता हूं। फोन पर यह बातचीत जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा. रवींद्र कुमार यादव और एईएस को मात देकर स्वस्थ्य होने वाले पांच साल के आशीष की हो रही थी। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा. रवींद्र कुमार यादव ने बुधवार को आशीष से फोन पर बात कर उसका हाल जाना।
इस दौरान आशीष ने खेलने की परमिशन मांगी तो डॉ यादव ने बच्चे को समझाते हुए कहा कि अभी धूप अधिक है। बाहर निकलने पर दुबारा तबीयत खराब हो जाएगी। खूब बढ़िया से ठीक हो जाओ तब खेलने जाना। इसके बाद जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा. रवींद्र कुमार यादव ने आशीष की मां रानी देवी से बात की।
उन्होंने कहा कि आपका बच्चा स्वस्थ है न, जरूरत हो तो बताइएगा, हम आपकी सेवा में हर पल तत्पर हैं। बच्चे के स्वास्थ का ख्याल रखिएगा....और हमें भी अवगत कराते रहिएगा। यह सब सुन आशीष की मां आश्चर्यचकित रह गई। रानी देवी ने कहा कि उन्हें एक बार तो यकीन ही नहीं हुआ कि डिस्चार्ज होकर घर पहुंचने के बाद भी अस्पताल वाले उनके लाडले का इस तरह से भी ख्याल रखेंगे।
बेटे को नया जीवन मिलने पर पिता की आखों में खुशी के आँसू-
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा. यादव ने बताया कि बच्चे को तेज बुखार, उल्टी और शरीर में अकड़न हो रही थी। स्थिति को देखते हुए पिता जितेंद्र कुमार उसे नानपुर पीएचसी लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टर की टीम द्वारा इलाज शुरू हुआ और सुधार होने लगा। बेहतर इलाज के लिए उसे एम्बुलेंस से सीतामढ़ी सदर अस्पताल लाया गया। सूचना मिलते ही जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डा यादव और शिशु रोग विशेषज्ञों की टीम ने बच्चे को रिसीव कर इलाज शुरू करवाया।
वहां उचित उपचार के बाद डॉक्टरों ने लक्षण के आधार पर एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। एसकेएमसीएच में बेहतर जांच और उपचार के बाद आशीष को पूरी तरह से स्वस्थ्य कर लिया गया। 18 अप्रैल को वह अपने घर मोहम्मदपुर आ गया। आशीष को नया जीवन मिलने पर मजदूरी करने वाले पिता जितेंद्र खुशी से रोने लगे और डा. रवींद्र कुमार यादव के साथ चिकित्सकों को धन्यवाद दिया।
इस तरह की स्थिति में तुरंत अस्पताल पहुंचे:
18 अप्रैल को आशीष के पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाने के बाद परिवार वालों के साथ स्वास्थ्य कर्मी भी खुश हुए। डा. रवींद्र कुमार यादव ने बताया कि सरकार की तरफ से फैलाई जा रही जागरूकता लोगों के काम आ रही है। जागरूकता और स्वास्थ्य विभाग की ततपरता से ही बच्चों को निरोग करने में सफलता मिल रही है।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में सीधे सरकारी अस्पताल का रुख करना चाहिए। जहां बिना किसी खर्च के हर सुविधाएं मिलती हैं।