21 से 27 तक मनाया जाएगा ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह

21 से 27 तक मनाया जाएगा ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह

21 से 27 तक मनाया जाएगा ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह

-21 अक्टूबर को मनाया जाता है ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव दिवस
- जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर होंगे कार्यक्रम

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 

सीतामढ़ी। ग्लोबल आयोडीन अल्पता विकार बचाव दिवस प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर को मनाया जाता है। इसी के मद्देनजर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार बचाव दिवस को जागरूकता अभियान के रूप में मनाने के लिए जिलों में पत्र जारी किया है। जारी पत्र में  कल यानि 21 से 27 अक्टूबर तक ग्लोबल आयोडीन अल्पता बचाव सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है।

इधर सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र लाल ने सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को ग्लोबल आयोडीन अल्पता विकार बचाव दिवस का आयोजन कर आयोडीन युक्त नमक के सेवन के लिए जागरूक किया जाता है। इस बार भी जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों के बाहर आयोडीन की अल्पता से होने वाली बीमारियों की जानकारी होर्डिंग के माध्यम से दी जा रही है। इसके अलावा ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों खास कर गर्भवती महिलाओं को आयोडीन युक्त नमक के सेवन और मात्रा के बारे में बताया जाएगा। 

आहार का प्रमुख पोषक तत्व है आयोडीन-

डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि आयोडीन शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। इसकी कमी से हार्मोन का उत्पादन भी बंद हो सकता है। जिससे शरीर के सभी अंग अव्यवस्थित हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा बना रहता है। इसके अलावा बहरापन, बौनाकद, अविकसित मस्तिष्क और सीखने और समझने की क्षमता में कमी की समस्या भी होती है। अधिक मात्रा में आयोडीन वाले आहार हैं। जैसे मूली, शतावर, गाजर, टमाटर, पालक, आलू, केला, दूध और समुद्र से पाए जाने वाले आहार।

शिशु के विकास में आयोडीन महत्वपूर्ण-

डॉ. सिन्हा ने बताया कि आयोडीन शिशु के दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मां में आयोडीन की कमी से पैदा होने वाले बच्चे का शारीरिक विकास भी पूरा नहीं हो पाता। भ्रूण के समुचित विकास के लिए आयोडीन एक जरूरी पोषक तत्व है। यह शिशु के दिमाग के विकास में अहम भूमिका अदा करता है। शरीर के तापमान को नियंत्रित करने का काम भी आयोडीन करता है। हमें यह जानना जरूरी है कि अन्य विकारों के अलावा शरीर में आयोडीन की कमी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है।