कम वजनी शिशु के लिए रामबाण है कंगारू मदर केयर
कम वजनी शिशु के लिए रामबाण है कंगारू मदर केयर
- सदर अस्पताल में संचालित कंगारू मदर केयर नवजात शिशुओं के लिए लाभकारी सिद्ध हो रहा
प्रमोद कुमार
सीतामढ़ी, 4 जुलाई। समय से पूर्व जन्मे नवजात यानि प्री-मेच्योर बेबी को बेहतर स्वास्थ्य देने और बीमारियों से बचाने के लिए जिला में स्वास्थ्य विभाग लगातार कोशिश कर रहा है। इसके लिए सदर अस्पताल में संचालित केएमसी यानी कंगारू मदर केयर नवजात शिशुओं के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हो रहा है। इस थेरेपी के जरिये प्री-मेच्योर शिशुओं को हाईपोथर्मिया (शरीर का ठंडा पड़ना) से बचाया जा रहा है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ओमकान्त शर्मा ने बताया कि नवजात शिशुओं में तय समय से पहले जन्म और जन्म के समय वजन कम होना अक्सर देखा जाता है। यह शिशु सामान्य शिशु की तुलना में ज्यादा कोमल और कमजोर होते हैं और उन्हें कई तरह की बीमारियां होने का भी खतरा बना रहता है। ऐसे शिशुओं को गहन देखभाल की जरूरत होती है, जिसे कंगारू मदर केयर विधि से किया जा सकता है। सदर अस्पताल में संचालित कंगारू मदर केयर से जिले के सैकड़ों शिशुओं को इलाज मिला है।
कम वजन के बच्चों के लिए रामबाण है यह थेरेपी-
सदर अस्पताल में संचालित कंगारू मदर केयर के डॉ ओमकान्त शर्मा का कहना है कि जिन बच्चों का वजन ढाई किलो से कम होता है, उन्हें यह थेरेपी दी जाती है। हर दो-दो घंटे तक स्तनपान और और कम से कम एक घंटे तक स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट का जादुई असर होता है।
इससे बच्चे का वजन तेजी से बढ़ता है। उन्होंने बताया कि कंगारू मदर केयर से न सिर्फ नवजात का वजन तेजी से बढ़ता है, बल्कि बहुत सारे खतरनाक इन्फेक्शन से भी बच्चों का बचाव होता है। कम वजन वाले बच्चों के अचानक से शरीर ठंडा पड़ जाने का खतरा (हाइपोथेर्मिया) भी कम हो जाता है। मां के साथ भावनात्मक संबंध प्रगाढ़ होने से मां का दूध भी बढ़ता है।
मां से नवजात को स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट में रखा जाता है--
कंगारू जिस तरह अपने बच्चे को सीने पर प्राकृतिक रूप से बनी थैली में रखती है, उसी तरह के कांसेप्ट को लेकर कंगारू मदर केयर थेरेपी तैयार की गई है। इस थेरेपी में मां से नवजात को स्किन टू स्किन कॉन्टैक्ट में रखा जाता है। इसमें मां अपने शिशु को अपने सीने से लगाकर रखती है। इस तरह के स्पर्श से न केवल मां और बच्चे के बीच का स्नेह बढ़ता है, बल्कि शिशु की सेहत को भी फायदा होता है।
हर एक सेशन में मां कुछ घंटों के लिए शिशु को अपने सीने से लगाकर रखती है। इसके लिए शिशु को डायपर के अलावा और कुछ नहीं पहनाया जाता है। इससे नवजात को मां की गर्मी मिलती है और बच्चा तेजी से ठीक होने लगता है। डॉ. ओमकान्त शर्मा कहते हैं कि जब बच्चे का वजन बढ़ने लगता है तो वह कई तरह की बीमारियों और खतरों से दूर हो जाता है।