टीबी उन्मूलन के लिए जिले में कवायद जारी

टीबी उन्मूलन के लिए जिले में कवायद जारी

टीबी उन्मूलन के लिए जिले में कवायद जारी

-टीबी मुक्त सीतामढ़ी के लिए जिलेवासियों का सहयोग मील का पत्थ साबित होगा : सीडीओ

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 

सीतामढ़ी।

टीबी उन्मूलन में जन जागरूकता महत्वपूर्ण भूमिका निभाई निभाएगी। जागरूकता से इसपर  अंकुश लगाने में काफी मदद मिलेगी। इसके लिए अभियान जारी है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश को पूर्णत: टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसको लेकर जिले में लगातार कवायद जारी है। विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं।  

टीबी उन्मूलन के प्रयासों की पहुंच दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाने के लिए वे खुद गांवों का दौरा कर रहे हैं। टीबी मरीजों से मिल रहे हैं। उन्हें समझा रहे हैं ताकि उनका हौसला बढ़ा रहे।  डॉ. कुमार ने कहा कि टीबी उन्मूलन के प्रयासों को मजबूती देने के लिए जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन भी किया जा रहा है। 

टीबी के खिलाफ मिलकर लड़ने की जरूरत- 

डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसे जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीबी को मात देना मुश्किल नहीं है। बस नियम से दवाएं लेते रहने की जरूरत है। इस जानकारी को देने के लिए वे हर दिन क्षेत्र भ्रमण कर रहे हैं। क्षेत्र भ्रमण कर वे टीबी मरीजों के दवा सेवन, उनके खानपान, रहने व सोने के तरीकों, मास्क के उपयोग समेत अन्य दिनचर्या की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त सीतामढ़ी के लिए जिलेवासियों का सहयोग मील का पत्थर साबित होगा। 

टीबी की विश्वसनीय जांच व इलाज की सुविधा-

डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि जिले में टीबी की विश्वसनीय जांच व सम्पूर्ण इलाज की सुविधा उपलब्ध है। इसलिए जैसे ही आपको टीबी के लक्षण दिखे, न घबराएं व लजाएं। सीधे निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र पर जाएं और डॉक्टर से सलाह व मुफ्त में दवा लेकर इसका सेवन शुरू कर दें। अधिक से अधिक लोग टीबी के लक्षणों के बारे में जानें और अपने आसपास रहने वाले लोगों में यदि इनमें में से कोई लक्षण दिखे तो जांच के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को बेहतर खान-पान व पोषण का ध्यान रखने के लिये सरकार निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति माह 500 रुपये सहायता राशि के तौर पर भुगतान करती है। विभाग द्वारा नोटिफाइड टीबी मरीजों को नियमित रूप से संबंधित राशि का भुगतान किया जा रहा है।