चमकी बुखार से बचाव को हुआ चौपाल का आयोज

चमकी बुखार से बचाव को हुआ चौपाल का आयोज

प्रमोद कुमार 


- स्वास्थ्य विभाग एलर्ट सीएस ने  चिकित्सा व्यवस्था व आवश्यक दवाएं तैयार रखने का दिया निर्देश 

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मोतिहारी,पू०च०।
चमकी बुखार से बचाव को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अब पूरे तरह से एलर्ट मोड पर आ चुका है। इस संबंध में पूर्व में ही जिले के सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को चमकी बुखार से सुरक्षा के मद्देनजर उनके बचाव हेतु चिकित्सा व्यवस्था से संबंधित निर्देश जारी किया जा चुका है।

वहीं प्रखंड स्तर पर आशाओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ट्रेनिंग हो रही है। साथ ही स्कूलों,आंगनबाड़ी केंद्रों में जगह जगह  जागरूकता के साथ चौपाल का आयोजन किया जा रहा है।

ताकि जिले में गर्मी के मौसम में एईएस चमकी बुखार के प्रकोप से जन जागरूकता एवं अस्पताल की सुदृढ़ व्यवस्था के द्वारा बच्चों को सुरक्षित किया जा सके। सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चमकी बुखार को ले जागरूकता के कारण एवं समय पर इलाज होने के कारण इसकी संख्याओं में पूर्व के सालों की अपेक्षा कमी आई है। इसलिए सही समय पर लोगों को चमकी के प्रति जागरूक करना बेहद आवश्यक है।

शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदापुर अंतर्गत तरवा टोला के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 61 में ए ई एस चमकी से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए महिलाओं व अन्य लोगों के बीच जागरूकता के साथ चौपाल का आयोजन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार सहनी की उपस्थिति में किया गया ।

केयर के बीएम श्रीनारायण सिंह के द्वारा बच्चों को चमकी बुखार के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई। साथ ही बच्चों को चमकी से बचाव के उपाय बताए गए। साथ ही स्वच्छता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई।डीआईओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि ज्यादा गर्मी पड़ने पर चमकी के प्रति ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।

उन्होंने बताया कि जिले के तमाम मेडिकल टीमों को जन जागरूकता व मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके लिए मेहसी, चकिया, मधुबन, तेतरिया सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में तैयारियां की जा रही हैं। जिले की जीविका दीदियों, आशा फैसिलिटेटरों, नर्सो को समय समय पर एईएस से सम्बंधित जानकारी दी जा रही है।डीआईओ ने बताया कि  बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के प्रति अलर्ट रहना चाहिए।

समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। स्वस्थ्य बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार सहनी ने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक बच्चों में मस्तिष्क ज्वर की संभावना बनी  रहती है। बच्चे के माता- पिता चमकी  मस्तिष्क ज्वर के लक्षण जानकर समय पर इलाज कराकर बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं। 


चौपाल में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राजेश कुमार सहनी, प्रखंड प्रबंधक केयर श्रीनारायण सिंह, एएनएम, आशा,-जीविका कर्मी सहित कई ग्रमीण महिलाओं ने भाग लिया।