बाबा साहब भीमराव के सिद्धांतो से ही विश्व का कल्याण संभव 

बाबा साहब भीमराव के सिद्धांतो से ही विश्व का कल्याण संभव 

सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण :- विश्व विभूति, संविधान शिल्पकार , भारत रत्न,  बोधिसत्व,बाबा साहब डॉ. भीम राव अम्बेडकर के 131 वे जयंती  जिले के बनियापुर  प्रखंड के सहाजितपुर थाना के समीप मेढुका गांव में मनाई गई। जहां बाबा साहब अम्बेडकर के प्रतिमा का अनावरण किया गया तथा उस पर माल्यार्पण, पुष्पांजलि एवं श्रद्धांजली अर्पित किया गया।

वही भुसाव से बनियापुर सहाजितपुर बाजार होते हुए मेढुका तक प्रभात फेरी निकाली गई। बाबा साहब के  सिद्धांतो से विश्व का कल्याण संभव है। उक्त बातें लोगो ने अपने संबोधन में  जयंती के पावन अवसर पर बौद्ध भिक्षु भंत मान्यवर बिक्रमा राम ने कही। मौके पर मौजूद भंते जी ने कहा कि बाबा साहब के सिद्धांत का ही नतीजा है  कि भारत एक धर्म निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य है।

जहां अनेकता में एकता हैं। आज  हम अत्याधुनिक युग में विश्व के अग्रणी देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे हैं। इसके बावजूद भी  हम सभी भारतवासियों को  वैश्विक स्तर पर समता मूलक समाज  को निर्माण हेतु  प्रण लेने कि आवश्यकता है।

वही  समाजसेवी रविंद्र राम ने माल्यार्पण के पश्चाच्त  सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज खुशियों का दिन हैं और आज ही के दिन पूरे विश्व में अपने नाम का डंका बजा चुके बाबा साहब अम्बेडकर  जी का जन्म महू नगर इंदौर में हुआ था।  जिसका जश्न देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी धूम धाम से मनाया जा रहा है।


  वही आप नेता विक्रम चौधरी ने कहा बाबा साहब अम्बेडकर एक ऐसे महासागर का नाम है  जिनके ज्ञान गहराई का अंदाजा लगाया नही लगाया जा सकता है, और  उनसे हमारे देश के युवा पीढ़ी को इनसे प्रेरणा लेकर देश को और आगे ले जाने कि आवश्यकता है। 


 सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र बैठा ने संबोधन करते हुए कहा कि "बुद्ध के बिना शांति नही, भीम के बिना क्रांति नही।" जिस तरह से ताथागत गौतम बुद्ध  शांति का प्रतीक माने जाते हैं ठीक उसी तरह बाबा साहब अम्बेडकर क्रांति के प्रतीक हैं, और  मौजूदा समय में  युवा वर्ग आडंबर के गिरफ्त में जा रहे हैं अतः  हमे इस क्षेत्र में क्रांति करने कि आवश्यकता है।  जहां कार्यक्रम कि अध्यक्षता महिला नेत्री गीता सागर ने की। प्रतिमा अनावरण बनियापुर अंचल अधिकारी स्वामीनाथ राम ने किया।


इस अवसर पर  प्रोफेसर योगेंद्र पांडे, फगुनी राम, संतोष साह, चंदन चमार, सत्य नारायण राम, प्रभु प्रियदर्शी, उपेंद्र यादव  वक्ताओं ने भी संबोधन किया।