विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर पुरस्कृत हुई आशा दीदी

विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर पुरस्कृत हुई आशा दीदी

विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर पुरस्कृत हुई आशा दीदी

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मुजफ्फरपुर।
विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर जिले के सभी प्रखंडों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से गर्भवती व धातृ महिलाओं को शिशुओं को नियमित स्तनपान कराने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी क्रम में गुरूवार को सरैया प्रखंड स्थित सीएचसी में भी ग्रामीण इलाकों की महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से स्तनपान पर आशा उन्मुखीकरण तथा आशा कार्यकर्ताओं की रैली का आयोजन किया गया।

जिसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ डी सी शर्मा ने महिलाओं को स्तनपान कराने के फायदों के संबंध में बताया।उन्होंनें बताया कि परिवार नियोजन के लिए भी महिलाओं को स्तनपान कराना जरूरी है तथा ब्रेस्ट कैंसर न हो इसके लिए भी स्तनपान बेहद जरूरी है। इस अवसर पर आशा कार्यकर्ताओं की रैली प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डी सी शर्मा तथा बीसीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में निकाली गई।

पोस्टर प्रेजेंटेशन का भी आयोजन किया गया जिसमे प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार सबसे अच्छे स्लोगन लिखने वाली आशा कार्यकर्ता को प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा पुरस्कृत किया गया।अलाइव एण्ड थ्राइव के कंसलटेंट मनीष कुमार ने कहा कि प्रत्येक वर्ष अगस्त माह के पहले सप्ताह में एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसका उद्देश्य महिलाओं को स्तनपान के लिए प्रोत्साहित करना तथा कामकाजी महिलाओं को उनके स्तनपान संबंधी अधिकार के प्रति जागरूकता प्रदान करना है।

इस साल “स्तनपान के लिए कदम : शिक्षित और समर्थन” थीम पर स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी आशा कार्यकर्ताओं को गृह भ्रमण के दौरान शिक्षा के महत्व और स्तनपान के लिए समर्थन के प्रति लाभुकों को जागरूक करने की भी जिम्मेदारी दी है। जैसे बच्चों के सही विकास के लिए स्तनपान महत्वपूर्ण है। ठीक उसी प्रकार समाज के विकास के लिए शिक्षा की अलख जगाना भी जरूरी है।

तभी आने वाले भविष्य में हमारा जिला, राज्य और देश तरक्की कर सकेगा।प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि माता का दूध बच्चों के लिए पहला टीकाकरण है। प्रसव के पहले एक घंटे में बच्चों को स्तनपान कराना बेहद जरूरी होता है। क्योंकि इस दौरान मां का पहला पीला गाढ़ा दूध नवजात के श्रेष्ठतम बढोत्तरी व विकास में मदद करता है। मां का दूध नवजात शिशु के लिए असीम आशीर्वाद है।

इसलिए चिकित्सक भी जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान जरूर कराने पर बल देते हैं। उन्होंने बताया कि बच्चे के लिए मां का दूध संपूर्ण आहार होता है। छह महीने तक बच्चों को सिर्फ माता का दूध ही पिलाना चाहिए। माता के दूध में पाये जाने वाला कोलेस्ट्रम से शिशुओं को प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त होती है जिससे रोगों से सुरक्षा होती है एवं उनकी समुचित वृद्धि तथा विकास होता है।

इस अवसर पर अलाइव एण्ड थ्राइव के कंसल्टेंट मनीष कुमार, केयर इंडिया के स्वास्थ्य  एवम पोषण अधिकारी सतीश कुमार सहित कई आशा कार्यकर्ता उपस्थित थीं।