सूबे का 21वाँ धूम्रपान मुक्त जिला घोषित हुआ मुजफ्फरपुर 

सूबे का 21वाँ धूम्रपान मुक्त जिला घोषित हुआ मुजफ्फरपुर 

सूबे का 21वाँ धूम्रपान मुक्त जिला घोषित हुआ मुजफ्फरपुर 

-उप विकास आयुक्त ने मुजफ्फरपुर को अब तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की दिलायी शपथ
-समस्त जिलावासियों से सार्वजनिक स्थानों पर तम्बाकू सेवन नहीं करने की अपील की
-पुलिस प्रशासन उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ़ चलाएगा सघन अभियान

प्रमोद कुमार 

मुजफ्फरपुर,24 जून।  
जिला  समाहरणालय सभा कक्ष में  उप विकास आयुक्त   आशुतोष द्विवेदी  की अध्यक्षता में  शुक्रवार को आयोजित जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय  समिति  की बैठक में  जिले को धूम्रपान मुक्त घोषित किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी वरीय पदाधिकारियों द्वारा धूम्रपान मुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किया गया तथा  सम्पूर्ण जिले को धूम्रपान/तम्बाकू मुक्त बनाए रखने की अपील की गई।

तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोगी संस्था सोशियो इकोनॉमिक एण्ड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाईटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक  दीपक मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार एवं सीड्स के द्वारा संयुक्त रूप से राज्य के सभी 38 जिलों  में चलाए जा रहे तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा -2003 की विभिन्न धाराओं  के अनुपालन की स्थिति जानने हेतु राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा समय समय पर स्वतंत्र एजेंसी से अनुपालन सर्वेक्षण कराया जाता है, तथा उस अनुपालन प्रतिवेदन के आधार पर कोटपा -2003 की धारा 4 (सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध) के अनुपालन की बेहतर स्थिति पाए जाने पर जिलों को धूम्रपान मुक्त घोषित किया जाता है | अब तक राज्य के 20 जिलों यथा मुंगेर, कटिहार, पटना, लखीसराय, मधेपुरा, सहरसा, वैशाली, गोपालगंज, मधुबनी, खगड़िया, दरभंगा, समस्तीपुर, वैशाली, गया,अरवल  सीतामढ़ी,  सुपौल, पूर्णिया , जमुई एवं शिवहर को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया जा चुका है |   आज मुजफ्फरपुर को राज्य के 21 वें जिले के रुप में धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया गया है| दीपक मिश्रा ने बताया कि इस साल के शुरुआत में राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार सरकार और सीड्स के द्वारा राज्य के 10 जिलों में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा 2003) के अनुपालन का एक स्वतंत्रत एजेंसी से सर्वेक्षण करवाया गया था। उक्त अनुपालन सर्वेक्षण में धूम्रपान मुक्त के तय मानकों के आधार पर  शिवहर सहित  राज्य के 4 जिलों को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित करने निर्णय किया गया। मुजफ्फरपुर जिले में कोटपा की धारा 4 का अनुपालन प्रतिशत 90% से अधिक पाया गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप विकास आयुक्त ने समस्त जिला वासियों से अपील करते हुए कहा कि  धूम्रपान के बाद अब हमलोगों को जिले को तम्बाकू मुक्त जिला बनाने की मुहिम शुरू करनी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों को तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचाया जा सके। जिला विकास आयुक्त ने तम्बाकू नियंत्रण हेतु जिले में गठित त्रिस्तरीय छापामार दस्ते के सभी सदस्यों को शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज के दायरे में अवस्थित सभी तम्बाकू उत्पाद बेचने वाले दुकानदारों को हटवाते हुए नियमित रूप से छापामारी करने का निर्देश दिया।

मुजफ्फरपुर  जिला को स्मोक फ्री डिस्ट्रिक्ट घोषित करते हुए उप विकास आयुक्त ने  कहा कि  जिला को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित करते हुए मुझे काफी प्रसन्नता हो रही है। इस कार्य हेतु  जिला विकास आयुक्त द्वारा मुजफ्फरपुर जिले के सभी नागरिक, शैक्षणिक संस्थानों, सहयोगी संस्था सीड्स, जिले के तमाम मीडियाकर्मी, जिला स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, अनुमंडल स्तरीय पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी, पुलिस विभाग के सभी पदाधिकारी को धन्यवाद एवं बधाई दिया। उन्होंने कहा कि अब हमारा अगला अभियान मुजफ्फरपुर जिले को तंबाकू मुक्त जिला (टोबैको फ्री डिस्ट्रिक्ट) बनाने का होगा। 

आशुतोष द्विवेदी ने जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वयक समिति की बैठक में मुजफ्फरपुर जिला को स्मोक फ्री जिला घोषित करते हुए कहा कि जिले में 2014 से यह अभियान चलाया जा रहा है।  उन्होंने बताया कि धूम्रपान करना एक खतरनाक आदत है जहां छोटे-छोटे बच्चे हैं वहां तो स्थिति और भी अधिक नाजुक बन जाती है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाए जाने के काफी अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। सभी स्तर पर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग की अपेक्षा है।  राज्य सरकार, सरकार के सभी कार्यालय, शैक्षणिक संस्थानों, सामाजिक संस्थानों एवं मीडिया जगत का इस अभियान को चलाने में काफी सहयोग मिला है। अब सार्वजनिक स्थलों यथा सिनेमा हॉल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, सार्वजनिक सड़क, शिक्षण संस्थानों, कार्यालयों सहित अन्य स्थानों पर धूम्रपान करना दंडनीय अपराध होगा। कहा कि इस अभियान को सफल करने के लिए और अधिक प्रयास करना  होगा । समाज के आम लोगों के बीच जाकर तंबाकू के सेवन पर पूर्ण नियंत्रण लगाने हेतु कार्य करने होंगे। लोगों को तंबाकू का सेवन नहीं करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कोविड-19 से लड़ रहे हैं उसी प्रकार हमें तंबाकू को समाप्त करने हेतु लड़ाई लड़नी होगी।

उप विकास आयुक्त ने जिला वासियो से अपील की  है कि आप तंबाकू से तैयार होने वाले सभी पदार्थों यथा बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, खैनी, हुक्का इत्यादि को छोड़े क्योंकि इनके द्वारा अनेक बीमारियां होती हैं। आप सभी के सहयोग से मुजफ्फरपुर जिला धूम्रपान मुक्त जिला आज घोषित हुआ है। अब हम लोगों का प्रयास होगा कि मुजफ्फरपुर को तंबाकू मुक्त जिला बनाने हेतु हम सब मिलकर प्रयास करेंगे हमें आशा है कि इस अभियान में हम अवश्य सफल होंगे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में सिविल सर्जन ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उप विकास आयुक्त  ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयास से जिला धूम्रपान मुक्त हुआ है।  तम्बाकू नियंत्रण के जिला नोडल पदाधिकारी डॉ  शिवशंकर ने जिले में की जा रही गतिविधियों की जानकारी दी।

आज के धूम्रपान मुक्त घोषणा कार्यक्रम में डीपीआरओ कमल सिंह,  सिविल सर्जन डॉ उमेशचंद्र शर्मा, डी एस पी (हेडक्वार्टर),कार्यक्रम प्रबंधक श्री बी पी वर्मा,एन सी डी सेल के  जिला वित्त सह लाजिस्टिक् सहलाकर   प्रिंस कुमार, साइकोलॉजिस्ट श्वेता पाठक, सीड्स के  कार्यक्रम पदाधिकारी मनोज कुमार झा, सुनील चौधरी एवं नरेन्द्र शाही , सहित अन्य उपस्थित थे।