तेज बाबू ने एईएस पर किया तेज वार, स्वस्थ्य होकर लाए खुशियां अपार

तेज बाबू ने एईएस पर किया तेज वार, स्वस्थ्य होकर लाए खुशियां अपार

- मोतीपुर के मासूम तेज बाबू ने एईएस से जीती लड़ाई, एसकेएमसीएच से दो दिन में ठीक होकर घर लौटे

प्रमोद कुमार 

मुजफ्फरपुर,11 अप्रैल।
जाको राखे साइयां, मार सके न कोय’। इसको चरितार्थ किया है मोतीपुर के मासूम तेज बाबू ने। जिस घर में मौत कोहराम मचाने की तैयारी कर कर रखी थी, उस घर में अब खुशियां जो लौट आयी  है।

पिता बब्लू कुमार के साथ मां की खुशी का ठिकाना नहीं है। खुश हो भी क्यों नहीं, उसके बेटे तेज बाबू ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से जो  लड़ाई जीत ली है। बब्लू कुमार कहते हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिखाई गई ततपरता से ही घर में खुशियां लौटी हैं। तत्काल बीमारी का लक्षण समझा गया और जरूरी दवाएं दे दी गईं। देखभाल हुई और तेज बाबू ठीक होकर घर लौट गए हैं। 

तेज को निरोग कर चिकित्सकों में भी आया उत्साह:
तेज के पिता बब्लू कुमार कहते हैं कि दो अप्रैल की सुबह उसे उल्टी होने लगी। मुंह से झाग जैसा निकल रहा था और फिर वह बेहोश गया। यह स्थिति देखते ही उसके घर में कोहराम मच गया। पिता जल्दी से मोतीपुर के एक प्राइवेट क्लीनिक गये।

वहां डॉक्टर के नहीं रहने पर वह तुरंत पीएचसी का रुख किया। वहां इलाज शुरू हुआ और तेज को तेजी से सुधार होने लगा। तेज को होश आया तो घर वाले भी होश में आये। लक्षण के आधार पर पीएचसी के डॉक्टर ने और बेहतर इलाज के लिए एसकेएमसीएच रेफर कर दिया। एसकेएमसीएच में बेहतर जांच और उपचार के बाद तेज को पूरी तरह निरोग करने में कामयाबी मिल गई तो चिकित्सकों में भी उत्साह आया।

जागरूकता लोगों के काम आ रही-
पांच अप्रैल को तेज बाबू के पूरी तरह से स्वस्थ हो जाने के बाद परिवार वालों के चेहरे पर खुशी लौट आई। तेज के ठीक होकर लौटने पर पूरे बर्जी गांव में भी खुशी थी। बब्लू कुमार का कहना है कि सरकार की तरफ से फैलाई जा रही जागरूकता लोगों के काम आ रही है।

उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में सीधे सरकारी अस्पताल का रुख करना चाहिए। जहां बिना किसी खर्च के हर सुविधाएं मिलती हैं। बब्लू जैसे अभिभावकों के इस भरोसे से स्वास्थ्य विभाग के बेहतर प्रयासों को भी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।