पंचायत प्रतिनिधियों ने किया पोषण मेला का आयोजन

पंचायत प्रतिनिधियों ने किया पोषण मेला का आयोजन

पंचायत प्रतिनिधियों ने किया पोषण मेला का आयोजन

- शेरूकांही पंचायत की मुखिया संगीता कुमारी के नेतृत्व में सेंटर फॉर कैटेलाईजिंग चेंज (सी थ्री) और बाल विकास परियोजना कार्यालय कांटी ने पोषण मेला का आयोजन किया

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 

मुजफ्फरपुर। 

कांटी प्रखंड के शेरूकांही पंचायत के हरिदासपुर स्थित पंचायत भवन में मुखिया संगीता कुमारी के नेतृत्व में सेंटर फॉर कैटेलाईजिंग चेंज (सी थ्री) और बाल विकास परियोजना कार्यालय कांटी के संयुक्त सहयोग से पोषण मेला का आयोजन किया गया। मेला का उद्घाटन पंचायत की मुखिया संगीता कुमारी ने किया। इसमें पंचायत के सभी प्रतिनिधियों, वार्ड सदस्य, पंच, सरपंच के अलावा प्रखंड प्रमुख कृपाशंकर शाही मुख्य अतिथि के रूप मे उपस्थिति थे।

इस मेला में पोषण आधारित पोषण तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ से रंगोली बनाया गया। पंचायत की आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ-साथ महिला जनप्रतिनिधियों ने भाग ले रहे समुदाय के पुरूष एवं महिलाओं को बारी-बारी से सभी खाद्य पदार्थों में मौजूद बिटामिन, फाईवर, मिनिरल्स, वसा, लौह तत्व इत्यादि की जानकारी दी। बताया गया कि हमारे भोजन में जरूरी नहीं कि एक बार में सारे के सारे चीज एक साथ उपलब्ध हों, पर यह हमारे दिनचर्या में जरूर शामिल होने चाहिए। 

प्रसव काल में चार बार नियमित जांच कराएं-

वार्ड सदस्या पार्वती देवी ने कहा कि हम महिलाएं अपने पूरे परिवार के खाना खा लेने के बाद खाना खाती हैं, जिसमें हमारे ही थाली से हमारे द्वारा तैयार किए गए भोजन का कुछ आइटम कम होता है। यह बिल्कुल गलत है। यह हमारे अपने आप के ऊपर किया गया नाइंसाफी है और यही आदत हम अपनी बेटियों में भी डालते चले जाते हैं। यह नहीं  होना चाहिए। पंचायत की मुखिया संगीता कुमारी ने पोषण के साथ साथ प्रसव काल में सुरक्षित प्रसव के लिए लोगों को जागरूक किया।

उन्होंने कहा कि जैसे ही आपको पता चलता है कि आपका गर्भधारण हो गया है, सबसे पहले अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर अपना पंजीकरण करायें। प्रसव काल के दौरान चार बार नियमित जांच कराएं। स्वास्थ्य केंद्र से दिए गए 180 आयरन की गोलियां खाएं और संस्थागत प्रसव के लिए अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ही अपने बच्चे का जन्म करायें। इन सभी प्रक्रिया के साथ साथ प्रसव के दौरान अपने लिए जरूरी खर्च के लिए एक प्रसव गुल्लक का इंतजाम भी करके रखें , ताकि समय व जरूरत के अनुसार उसे खर्च किया जा सके। प्रसव संबंधी जांच के लिए सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर फ्री जॉच की व्यवस्था है। 

पंचरंगा भोजन का है विशेष महत्व- 

सीथ्री की क्षेत्रीय समन्वयक रागिनी ने बताया कि प्रसव काल में महिलाओं में स्वाभाविक रूप से दो तरह की परेशानियां आम तौर पर होती हैं। यह ज्यादातर महिलाओं मे देखने को मिलती है। पहला, कब्ज की शिकायत और दूसरा, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव, जो समय के साथ स्वयं ही समाप्त हो जाता है।

इससे बचने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन फायदेमंद होता है। वैसे भी हमारे रोज के भोजन मे पंचरंगा भोजन का अलग ही महत्व है, जो प्रतिदिन अलग-अलग रंगों का भोजन होता है। इस अवसर पर सीथ्री के जिला समन्वयक अभय कुमार, पोषण अभियान के प्रखंड समन्वयक रमा के साथ पंचायत की सभी आंगनबाड़ी सेविका उपस्थित थीं।