सिंथेटिक पायराथायराइड की गुणवत्ता जांचने अल्फा सेंसर गन का हो रहा ट्रायल

सिंथेटिक पायराथायराइड की गुणवत्ता जांचने अल्फा सेंसर गन का हो रहा ट्रायल

सिंथेटिक पायराथायराइड की गुणवत्ता जांचने अल्फा सेंसर गन का हो रहा ट्रायल


अमेरिका से कैरोलिना आयी मोतीपुर  ट्रायल देखने 

प्रमोद कुमार 


मुजफ्फरपुर। 
जिले में कालाजार बचाव के लिए  किए जा रहे सिंथेटिक पायराथॉयराइड की गुणवत्ता की जांच के लिए अल्फा सेंसर गन का ट्रायल किया जा रहा है। जिला वेक्टर बॉर्न पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने मंगलवार को  बताया कि मोतीपुर के मोरसंडी गांव में पिछले आठ दिनों से यह ट्रायल किया जा रहा है। जिसका मुख्य उद्येश्य एसपी दवा की  गुणवत्ता और उसके डीपोजिश रेट का पता लगाना है।

ट्रायल का यह कार्य लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन और केयर के सहयोग से किया जा रहा है।  जिसका औचक निरीक्षण भीबीडी सलाहकार प्रीतिकेश कुमार, भीडीसीओ तथा केयर इडिया के डीपीओ सोमनाथ ओझा ने किया। उन्होंने लिवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसीन अमेरिका से आयी मिस कैरोलिना जो इस ट्रायल को देखने आयी हैं, को जिले में कालाजार की वस्तुस्थिति और उन्मूलन की दिशा में किए गए प्रयासों को भी बताया।

डॉ सतीश ने बताया कि जिले के  तीन प्रखंडों में 9 मई से एसपी दवा का छिड़काव किया जा रहा है। जिसमें गुणवत्ता और नियमों का काफी ख्याल रखा जा रहा है। कालाजार के मरीजों की संख्या में काफी कमी -
डॉ सतीश ने बताया कि पिछले तीन चार वर्षों में जिले में कालाजार के मरीजों में काफी कमी आयी है। जिले में इस वर्ष मई तक वीएल के 18 और पीकेडीएल के 22 मरीज मिले हैं।

अभी तीन प्रखंडो पारु, साहेबगंज तथा मोतीपुर में आइआरएस चक्र चलाया जा रहा है। जिसमें दिवालों पर छह फुट तक दवाओं का छिड़काव होगा। प्रखंड के बीसीएम को यह निर्देश दिया जा चुका है कि वह  आशा से वह छिड़काव पूर्व की सूचना देंगे। छिड़काव के लिए दलों का गठन किया गया है। एक दल में एक सीनियर फील्ड वर्कर और 5 फील्ड वर्कर रहेंगे। इसके लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है।