जिले में टीबी मरीजों की पहचान को हो रही है खोज
जिले में टीबी मरीजों की पहचान को हो रही है खोज
- जाँच में संक्रमित पाए जाने पर मुफ्त दी जाती है टीबी की दवा
- टीबी की दवा का सेवन बीच में न करें बंद : सीएस
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०l
वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिलेभर में अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में टीबी मरीजों की खोज की जा रही है। जाँच में संक्रमित पाए जाने पर स्वास्थ्य केंद्र में उनका पंजीकरण के साथ ही उन्हें मुफ्त भी दी जा रही है ।
- टीबी की दवा का सेवन बीच में न करें बंद
सीएस डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि टीबी की दवा का सेवन भूलकर भी बीच में बन्द न करें, क्योंकि ऐसा करने पर टीबी के मरीजों की मुसीबत बढ़ जाती है, उनमें एमडीआर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- टीबी उन्मूलन हेतु जिले में हो रहा प्रयास
डॉ. रंजीत राय ने बताया कि वर्ष 2025 तक देश को पूरी तरह टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसे लेकर जिला टीबी विभाग द्वारा जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। लोगों को टीबी के बारे में जागरूक करने के साथ ही मरीजों की पहचान, निःशुल्क दवा वितरण के साथ ही निक्षय योजना के तहत मरीजों को मिलने वाले लाभ को सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीने में दर्द होना, चक्कर आना, दो सप्ताह से ज्यादा खांसी या बुखार आना, खांसी के साथ मुंह से खून आना, भूख में कमी और वजन कम होना आदि लक्षण अगर किसी में है तो टीबी की जांच कराएं।
- जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध
जिला यक्ष्मा केन्द्र में कार्यरत अरविंद कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल के साथ ही प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी के मरीजों की जांच और इलाज की नि:शुल्क सुविधा उपलब्ध है। दवा भी मुफ्त दी जाती है। स्वास्थ्य केंद्रों पर बलगम की जांच माइक्रोस्कोप एवं टूनेट सीबीनेट मशीन द्वारा निःशुल्क किया जाता है। मरीजों की जांच के उपरांत टीबी की पुष्टि होने पर पूरा इलाज निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसे जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने की जरूरत है।