सेवानिवृत्त जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के विदाई पर डबडबाई आंखें
सेवानिवृत्त जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के विदाई पर डबडबाई आंखें
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी रहे डॉ. मनोज कुमार हुए सेवानिवृत्त, डॉ. मुकेश कुमार ने संभाला कार्यभार
P9bihar news
प्रमोद कुमार
सीतामढ़ी।
जिला यक्ष्मा केंद्र में मंगलवार को खुशी और गम का माहौल था। यक्ष्मा केंद्र के कर्मियों की आंखें डबडबाई हुई थी। मौका था जिला यक्ष्मा पदाधिकारी रहे डॉ. मनोज कुमार के सेवानिवृत्त होने के उपरांत विदाई समारोह का। विदाई समारोह में भावुक होते हुए डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि आज मेरे लिए भावुक पल है। यहां के लोगों से जो प्यार, सम्मान मिला है, उसकी यादें उन्हें सदैव अभिभूत करती रहेंगी।
उन्होंने कहा कि यक्ष्मा केंद्र के जरिये टीबी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए उन्होंने ईमानदार प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि काम के दौरान तमाम तरह की चुनौतियां आई। लेकिन सबके सहयोग एवं समर्थन से हर चुनौती का सामना करते हुए अपने दायित्व को निभाया। जिले के लोगों से जुड़ाव को कभी भूल नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी की धरती को वे कभी भूल नहीं पायेंगे और जब कभी भी मेरी जरूरत होगी, वे मौजूद रहेंगे।
टीबी उन्मूलन के प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे
इस अवसर पर डॉ. मुकेश कुमार ने जिला यक्ष्मा पदाधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा कि वे प्रदान की गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक देश को पूर्णत: टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसको लेकर जिले में कवायद जारी है। डॉ. मनोज कुमार ने टीबी उन्मूलन के प्रयासों की पहुंच दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों तक पहुंचाई है। डॉ. कुमार द्वारा जिले में टीबी उन्मूलन के लिए किये गए प्रयासों को वे आगे बढ़ाएंगे और टीबी उन्मूलन के लिए हर संभव उपाय करेंगे।
योगदान हमेशा याद रहेगा
लेखापाल सह डीईओ रंजन शरण और डीपीसी रंजय कुमार ने बताया कि अपनी परवाह किये बगैर वे टीबी रोगियों की सेवा में जुटे रहे जो हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। उनसे काफी कुछ सीखने का अवसर मिला। अपने कार्यकाल में आम जनों का बहुत ही नि:स्वार्थ भाव से सेवा किया। इनका योगदान हमेशा याद रहेगा। खासतौर पर गरीब लोगों को काफी फायदा हुआ है। कार्यक्रम के दौरान जिला यक्ष्मा केंद्र के चिकित्सक, कर्मी समेत सदर अस्पताल के दर्जनों स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे ।