जिले में बढ़ते डेंगू के मामले को ले सतर्कता बरतनी जरूरी 

जिले में बढ़ते डेंगू के मामले को ले सतर्कता बरतनी जरूरी 

जिले में बढ़ते डेंगू के मामले को ले सतर्कता बरतनी जरूरी 

-अब तक 52 लोग हुए डेंगू से संक्रमित, प्रभावित इलाकों में किया जा रहा है फॉगिंग
-सदर अस्पताल में उपलब्ध है जांच की सुविधा
-रात में सोने वक्त अवश्य लगाए मच्छरदानी

P9bihar news 

प्रमोद कुमार/ शशांक मणि त्रिपाठी

मोतिहारी। जिले में डेंगू का कहर बदस्तूर जारी है। अभी तक जिले में मरीजों की संख्या बढ़ कर 52 पहुंच गई है। बढ़ते डेंगू के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग विशेष सतर्कता बरत रहा है। साथ ही लोगों को डेंगू के खतरों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से शहरी व ग्रामीण इलाकों में विशेष फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को मच्छरों के काटने से बचने के लिए घर के आसपास साफ-सफाई व धुआं करने के उपाय बताए जा रहे हैं। वहीं सोने के वक्त हर हाल में मच्छरदानी का प्रयोग करने की बात कही। सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि ड़ेंगू के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से प्रभावित इलाकों में फॉगिंग कराया जा रहा है। ताकि डेंगू के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सके। 


तीन दिन से ज्यादा बुखार हो तो कराएं जांच- 

डिभिबीडीसीओ डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि लोगों को ड़ेंगू के बारे में जागरूक किया गया। जिसमें बताया गया कि अगर किसी को तेज बुखार तीन दिन से लगातार हो, साथ ही कमजोरी महसूस हो तो ऐसे में सरकारी अस्पताल में तुरंत डेंगू की जांच जरूर कराएं।बिना विशेषज्ञ डॉक्टर के किसी तरह की दवा का सेवन करना जोखिम भरा हो सकता है। वहीं डेंगू में यदि नाक, मसूड़ों अथवा शौच के दौरान खून आने लगे, पेट में दर्द हो तो तत्काल अस्पताल में भर्ती हो जाना चाहिए। डॉ शरत चन्द्र शर्मा ने बताया कि एलाइजा टेस्ट की सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध हो गई है। अब जिले के डेंगू के संदिग्ध मरीजों के ब्लड का सैंपल की जांच के लिए ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना होगा।

खाने में ज्यादातर पेय पदार्थ का करें उपयोग-

जिले के महामारी पदाधिकारी डॉ राहुल राज ने बताया कि मरीज को डेंगू होने पर अधिक से अधिक पानी, ओआरएस घोल, नींबू पानी, नारियल पानी पीना चाहिए। नींबू का रस शरीर में मौजूद विषैले तत्व को दूर करते हैं। इसके अलावा चिकन सूप या अधिक से अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए। डेंगू के मरीजों के पेय पदार्थ ज्यादा लेना चाहिए।