ब्रावो फाउंडेशन ने आईआईटी मुंबई में नामांकन के लिए छात्र को उपलब्ध कराया 1 लाख 5 हजार रूपए
ब्रावो फाउंडेशन ने आईआईटी मुंबई में नामांकन के लिए छात्र को उपलब्ध कराया 1 लाख 5 हजार रूपए
- शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित कराना है पहली प्राथमिकता: राकेश
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
बेहतरीन तोहफा देना हो तो मदद कर देना और जिसकी भी करो तुम हद कर देना…। किसी शायर का यह शेर सामाजिक दायित्वों का लगातार निर्वहन कर रही संस्था ब्रावो फाउंडेशन पर सटीक बैठ रही। एक गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर छात्र की आईआईटी, मुंबई में नामांकन में आ रही आर्थिक बाधाएं दूर कर ब्रावो फाउंडेशन ने एक बार फिर बड़ी मिशाल पेश की है।
तुरकौलिया प्रखंड के गोड़ाघाट, जयसिंहपुर निवासी हीरालाल सहनी के पुत्र रिकी रौशन को आईआईटी, मुंबई में नामांकन के लिए एक लाख पांच हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी। बताया जाता है कि जेईई एंट्रेंस की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद रिकी रौशन का चयन आईआईटी, मुंबई में हुआ था। लेकिन, आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से नामांकन में परेशानी आ रही थी। इसके बाद उसने ब्रावो फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक सह ब्रावो फार्मा के सीएमडी राकेश पांडेय से संपर्क साधा।
इस कड़ी में उसने ब्रावो फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक के समक्ष अपनी समस्या बताई। इस पर श्री पांडेय ने त्वरित पहल की और छात्र को एक लाख पांच हजार रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की। एक लाख पांच हजार रूपए की आर्थिक सहायता मिलने के बाद छात्र काफी खुश दिखा और ब्रावो फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक के प्रति अपना आभार प्रकट किया। श्री पांडेय ने कहा कि वास्तविक स्नेह प्रशंसा से नहीं, सेवा से दर्शाया जाता है।
बातचीत में उन्होंने एक शेर ‘मरहम लगा सको तो किसी गरीब के जख्मों पर लगा देना, हकीम बहुत हैं बाजार में अमीरों के इलाज खातिर’ के माध्यम से गरीब व जरूरतमंदों की सेवा में लोगों को आगे आने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से ही चंपारण में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार को लेकर गंभीर रहा हूं। इस दिशा में लगातार कार्य करने का भरपूर प्रयास करता हूं। किसी भी प्रतिभावान छात्र को आर्थिक तंगी की वजह से लक्ष्य प्राप्ति में परेशानी आ रही है, तो आगे भी इस प्रकार की परेशानियों को दूर करना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।