हृदय रोग के इलाज के बाद शिवानी के चेहरे पर आई मुस्कान
हृदय रोग के इलाज के बाद शिवानी के चेहरे पर आई मुस्कान
- पढ़ाई, खेलकूद के साथ अपना दैनिक कार्य भी कर लेती है, अब नहीं है कोई परेशानी
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत अभी तक जिले के 3 दर्जन से ज्यादा बच्चों का राज्य सरकार द्वारा मुफ्त इलाज कराया जा चुका है। जिले के आरबीएसके के अतिरिक्त नोडल पदाधिकारी सह जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी के मधुछपरा, बेलवतिया, निवासी रुपेश बैठा की 10 वर्षीय पुत्री शिवानी कुमारी को भी अब नया जीवन इस योजना के तहत मिला है।
बचपन से ही हृदय में छेद के रोग से पीड़ित थीं शिवानी, उसे कार्य करने में होती थी घबराहट व कमज़ोरी-
शिवानी के पिता रूपेश बताते हैं कि अहमदाबाद के सत्यसाई हॉस्पिटल में इलाज कराने के बाद शिवानी पढ़ाई, खेलकूद के साथ अपना दैनिक कार्य भी कर लेती है। रुपेश कहते हैं कि शिवानी बचपन से ही हृदय में छेद के रोग से पीड़ित थीं, उसे किसी कार्य करने में कमज़ोरी महसूस होती थी, कई बार दिन में चक्कर आते थे, घबराहट, बेचैनी महसूस होती थी। परन्तु हमें हृदय रोग के विषय में कोई आभास नहीं था। हमने सामान्य बीमारी समझ उसका कई जगह इलाज कराया।
आरबीएसके की चिकित्सकों की टीम ने बताई हृदय रोग की बात-
शिवानी के पिता ने बताया कि आरबीएसके टीम ने जब सरकारी स्कूल में इसका निरीक्षण किया तब उसे हृदय में छेद संबंधी समस्याओं की जानकारी हुई। तब आरबीएसके डॉ मन्नान व अन्य चिकित्सकों ने सम्पर्क किया। उसकी स्क्रीनिंग की गई। जिसमें हृदय में छेद की जानकारी मिलने पर घरवालों के होश उड़ गए। सभी का चेहरा सूख गया कि आगे क्या होगा, अब इसका इलाज कैसे हो पाएगा? रूपेश एक मध्यम वर्गीय किसान हैं। उतना पैसा कहाँ से आयेगा?
परन्तु डॉ मन्नान ने उन्हें समझाया कि जिले के कई बच्चे का इलाज मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत मुफ्त में हुआ है, वे सभी बच्चे जिनके दिल में छेद था, अब स्वस्थ हैं, ईश्वर की कृपा से यह भी इलाज कराकर स्वस्थ होकर लौटेगी। इसके बाद शिवानी के पिता रूपेश अन्य बच्चों व उनके माता पिता के साथ एम्बुलेंस से पटना आईजीआईएमएस गए, वहां पर सारी जांच प्रक्रिया के बाद हवाईजहाज से सत्य साईं हॉस्पिटल अहमदाबाद गये। जहां शिवानी के हृदय का इलाज हुआ, अब इलाज के बाद शिवानी के चेहरे पर मुस्कान देखते बनती है।
दिल का इलाज कराकर सुरक्षित हुई शिवानी-
अपने दिल के छेद का इलाज कराकर शिवानी अब पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित है।, उसने बताया कि अब मैं पढ़ाई, खेलकूद के साथ अपना सारा गृह कार्य खुद कर लेती हूँ, मुझे कोई परेशानी नहीं होती है। रुपेश भी अब ग्रामीणों को हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के परिवारजनों को इलाज कराने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि दिल के छेद के मरीजों को चिकित्सकों के परामर्श के साथ सही समय पर इलाज कराना जरूरी है।