मंडल कारा में कैदियों के बीच संभावित टीबी मरीज के लिए हुई स्क्रीनिंग 

मंडल कारा में कैदियों के बीच संभावित टीबी मरीज के लिए हुई स्क्रीनिंग 

मंडल कारा में कैदियों के बीच संभावित टीबी मरीज के लिए हुई स्क्रीनिंग 

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
सीतामढ़ी।
जिला मुख्यालय स्थित मंडल कारा, डुमरा में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मुकेश कुमार के नेतृत्व में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान मंडल कारा में सजायाफ्ता 1850 बंदियों की टीबी स्क्रीनिंग की गयी। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मुकेश कुमार ने बताया कि जिले में 24 फरवरी तक टीबी के सक्रिय मरीजों की खोज की जानी है। इसके लिए विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों समेत अन्य जगहों पर स्वास्थ्य शिविर लगा कर टीबी के सक्रिय रोगियों की खोज करनी थी।

इसी के तहत मंडल कारा में कैदियों के लिए टीबी जांच शिविर का आयोजन किया गया।जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ. मुकेश कुमार ने कहा कि वर्ष 2025 तक देश को पूरी तरह टीबी से मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित है। इसे लेकर जिला टीबी विभाग द्वारा जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। टीबी मरीजों की पहचान से लेकर निःशुल्क दवा वितरण एवं निक्षय योजना के तहत मरीजों को मिलने वाले लाभ को सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि टीबी रोग हमारे फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। खांसी इसकी शुरुआती लक्षणों में से एक है।

सूखी खांसी आना, इसके बाद खांसी के साथ-साथ बलगम व खून भी आने लगते हैं। दो हफ्ते या इससे ज्यादा समय तक खांसी होने पर तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर लोगों को यक्ष्मा की जांच करानी चाहिए।कारा अधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस तरह के शिविर नियमित रूप से आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा टीबी एवं एचआईवी से बचाव-उपचार और पोषण सहायता राशि के बारे में बताया गया।

उन्होंने कहा कि टीबी का समय पर इलाज जरूरी है। टीबी की जांच व इसके इलाज की सुविधा सभी सरकारी चिकित्सा केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है। इसलिए रोग संबंधी किसी तरह का लक्षण होने पर तुरंत इसकी जांच कराते हुए इलाज शुरू कराना चाहिए। शिविर में डीपीसी रंजय कुमार, डीईओ रंजन शरण, डीआईएस राजेश कुमार, एसटीएलएस संजीत कुमार, एलटी मनोज मधुकर, डॉक्टर फॉर यू से धर्म लाल पुर्वे, संजीव कुमार सहित अन्य लोगों ने अपनी भागीदारी दी।