टीबी को मात देकर चैंपियन बन समुदाय को टीबी के प्रति जागरूक कर रहै है मो.रहमान

टीबी को मात देकर चैंपियन बन समुदाय को टीबी के प्रति जागरूक कर रहै है मो.रहमान

टीबी को मात देकर चैंपियन बन समुदाय को टीबी के प्रति जागरूक कर रहै है मो.रहमान

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
बेतिया। 
पश्चिमी चंपारण ज़िले के मझौलिया प्रखंड के निवासी 22 वर्षीय टीबी चैंपियन मोहम्मद रहमान ने बताया कि फरवरी 2022 में मुझे छः हफ्ते से लगातार खांसी आने लगी, शरीर मे काफी कमजोरी महसूस हुई, चेहरे का रंग भी उड़ गया। तब परिवारजनों के कहने पर प्राइवेट चिकित्सक के यहाँ इलाज कराया परन्तु स्वास्थ्य ठीक नहीं हुआ। इस दौरान केएचपीटी के सामुदायिक समन्यवक डॉ घनश्याम से मिला।

उन्होंने मुझे जिला यक्ष्मा केंद्र बेतिया जाकर अपनी जांच कराने की सलाह दी, जांच में टीबी की पुष्टि हुई तो परिवार और पड़ोस के लोग मुझे आश्चर्य भरी निगाह से देखने लगे।रहमान ने बताया कि चिकित्सक की देखरेख में नियमित दवाओँ,पौष्टिक भोजन का मैंने उपयोग किया। टीबी के दौरान मैंने जीवन के उतार चढ़ाव देखें। कई लोग मेरे इस रोग को जानकर दूरियां बनाने लगें, पर मैंने आत्मविश्वास नहीं खोया, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सरिसवा में आयोजित पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की मासिक बैठक की भी मदद मिली।

रहमान ने बताया कि- दवाओं के साथ अल्लाह की दुआ कबूल हुई औऱ मैं छः महीने में ही टीबी से उबर गया। अब रहमान चाहते हैं कि टीबी की गिरफ्त में आए दूसरे लोग भी इससे निजात पाएं। उन्होंने टीबी मरीजों का दर्द सुनकर संकल्प लिया कि बच गए तो दूसरों को मरने नहीं देंगे। इसी उद्देश्य के साथ वह समुदाय में में जागरूकता फैला रहे हैं। मोहम्मद रहमान अब खुद स्वस्थ होकर मझौलिया प्रखंड में वे केएचपीटी के सहयोग से समुदाय को टीबी के प्रति जागरूक भी कर रहे है।टीबी से डरने की नहीं बल्कि लड़ने की जरूरत है।

सामुदायिक भागीदारी से ही वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का सपना साकार होगा। इसमें हर व्यक्ति को सहयोगी बनना होगा। कुछ ऐसा ही संदेश दे रहे हैं। पेशेंट सपोर्ट ग्रुप की बैठक में टीबी मुक्त होने पर रहमान को प्रमाण पत्र भी मिला है।जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह संचारी रोग पदाधिकारी डॉ०टीएन प्रसाद ने बताया कि जिले के सभी पीएचसी में टीबी की निःशुल्क जाँच और ईलाज की सुविधा उपलब्ध है। 2025 तक टीबी उम्मुलन का लक्ष्य रखा गया है।

डॉ टीएन प्रसाद ने बताया कि लक्षण होने पर बलगम की जांच कराएं। एक्स-रे कराएं। चिकित्सक द्वारा पुष्टि करने पर सावधानी बरतें। घरों में साफ-सफाई रखें। बीमार व्यक्ति मुंह पर रुमाल लगाकर चले। जिले के टीबी अस्पताल अथवा जिला अस्पताल के डाट्स सेंटर पर टीबी मरीजों का इलाज होता है। वहां से नि:शुल्क दवाएं ले सकते हैं।बीच में दवा न छोड़ें।इलाज के दौरान खूब पौष्टिक खाना खाएं। एक्सरसाइज करें, योग करें।