खुले आसमान के नीचे पठन-पाठन हाल मटिहान प्राथमिक विद्यालय का

खुले आसमान के नीचे पठन-पाठन हाल मटिहान प्राथमिक विद्यालय का

सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण :- प्राथमिक विद्यालय मटिहान के छात्र कड़ी धुप में भी बिना छत के भवन में पढ़ने को विवश हैं।
हाल सारण जिले के दरियापुर प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय मटिहान का है।यहां स्थिति इतनी भयानक है कि बच्चे इस कड़ी धुप में भी बिना छत के बैठने पर बजबूर होकर पढ़ने को विवश हैं।


सरकार की कथनी और करनी का सीधा उदहारण यह विद्यालय दर्शा रहा है जहां पिछले दो सालों से करीब डेढ़ सौ बच्चे खुले छत में धुप हो या ठंड पढने को मजबूर हैं।


विद्यालय के प्रधानाध्यापक कुमार शैलेश सिंह से जब यह पुछा गया तो उन्होंने बताया कि प्रखंड के पुराने सरकारी विद्यालयों में इस विद्यालय की पहचान है जिसका जमीनी अभिलेख उपलब्ध नहीं होने के कारण गांव के ही कुछ दबंगों का जमीन होने का दावा किया जाता है।जिसके कारण वर्ग एक से पांच तक के बच्चों को सिर्फ एक ही कमरे को दो भागों में विभाजित कर पठन पाठन का कार्य किया जाता है।


पिछले साल आए तुफान में खपरौल छत पुरी तरह ध्वस्त हो गया जिसकी लिखित जानकारी विद्यालय प्रधान कुमार शैलेश के द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी दरियापुर को घटना के समय ही दे दी गई। लेकिन अभी तक विभाग एवं स्थानीय प्रतिनिधियों की ओर से कोई ठोस निदान नहीं किया गया। जबकि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी छपरा द्वारा भी औचक निरीक्षण इस विद्यालय का किया जा चुका है।


इस विषम परिस्थिति में भी चारों शिक्षक बिना छत के विद्यालय में बच्चों के पठन-पाठन करने पर मजबूर हैं साथ ही प्रधानमंत्री पोषण योजना को खुले सेड में चलाने को विवश हैं।


 शिक्षक नितेश कुमार ,राकेश कुमार सिंह ने बताया कि विद्यालय की छत नहीं होने के कारण पठन-पाठन में परेशानियों के साथ बच्चे कम आते जाते हैं जो चिन्ता का विषय अवश्य है। शिक्षिका लभली सिंह ने कहा कि इस विद्यालय में अधिकांश बच्चें गरीब और समाज के नीचे तबके से आते हैं जिसे पढ़ने के साथ खाने की भी परेशानी है इसलिए विभाग को यथाशीघ्र समस्या को दूर करनी चाहिए।