दिव्यांग प्रमाण पत्र हेतु दिव्यागों को मानसिक शारिरिक परेशानी जिला प्रशासन से पहल की मांग

दिव्यांग प्रमाण पत्र हेतु दिव्यागों को मानसिक शारिरिक परेशानी जिला प्रशासन से पहल की मांग

प्रितम सिंह

मशरक सारण :- दिव्यांग को दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने में मानसिक शारिरीक आर्थिक परेशानी झेलने के लिए विवशता आम बात बन गई है।
जनाब एक तो भगवान ने हमें वैसे ही आधा पैदा किया है

और ऊपर से इस सरकारी अस्पताल में दिव्यांग प्रमाण पत्र नही बनना दिव्यांगो के अधिकारों पर दोहरी मार डाल दिया जा रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मशरक में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के दौरान 14 वर्षीय दिव्यांग हिमांशु राज पिता संतोष कुमार सिंह का कथन है।

जो डुमरसन पंचायत के पदुमपुर गांव का रहने वाले है। दिव्यांग की समस्या को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा नही सुनी गई और दिव्यांग प्रार्थी को बैरंग ही घर वापस लौटना पड़ा। दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण उनको पेंशन भी नहीं मिल रहा है। वह पिछले कई माह से अस्पताल का चक्कर काट रहे है जिससे उन्हें मानसिक शारिरिक आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। महिनों से उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है।

जिसके चलते उसे भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते उसे आर्थिक और मानसिक परेशानी भी हो रहा है। मौके पर आर्मी कैंटिन संचालक रंजन कुमार सिंह ने कहा कि यदि स्वास्थ्य विभाग इलाज तो छोड़िए दिव्यांग प्रमाण पत्र भी नही बना सकता है

तों लानत है राज्य में विकास के क्रिया कलापों पर। पूर्व उप प्रमुख साहेब हुसैन उर्फ टुनटुन ने कहा कि एक तो वो पहले से अपाहिज है और ऊपर से चिकित्सकों की मनमानी के चलते उसका दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी सारण और सिविल सर्जन से मांग किया कि अभिलंब दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने की व्यवस्था शुरू की जाएं, ताकि वो परेशानियों से नहीं गुजरे।