जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की सफलता के लिए सारथी रथ रवाना

जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की सफलता के लिए सारथी रथ रवाना

जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की सफलता के लिए सारथी रथ रवाना

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
सीतामढ़ी।
जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ावा देने के लिए जिले भर के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा की सफलता के लिए जिले भर में सारथी रथ को प्रचार-प्रसार के लिए रवाना किया गया।

सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र लाल, प्रभारी एसीएमओ सह परिवार नियोजन के नोडल पदाधिकारी डॉ. सुनील कुमार सिन्हा, डीआईओ डॉ. एके झा ने सारथी रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि माइकिंग और हैंडबिल आदि के माध्यम से लोगों को परिवार नियोजन के साधन को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र लाल ने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा 31 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान लोगों को परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जाएगा। साथ ही परिवार नियोजन में अस्थाई सामग्री के इस्तेमाल के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा। साथ ही योग्य और इच्छुक लाभार्थियों को महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं।

जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के दौरान जिला के सभी सीएचसी, पीएचसी और सदर अस्पताल में परिवार कल्याण ऑपरेशन किया जाना है।डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि परिवार नियोजन में अस्थायी साधन बहुत ही कारगर है। कंडोम, कॉपर टी, अंतरा जैसी अस्थायी सामग्री के इस्तेमाल में लोगों को झिझक नहीं करनी चाहिए। इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।

साथ ही परिवार नियोजन में भी सहायक होता है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन के अस्थाई साधन की समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसलिए, जो लाभार्थी अस्थाई साधन को अपनाना चाहते हैं, वे अस्थाई साधन के रूप में काॅपर-टी, छाया, अंतरा, कंडोम समेत अन्य सुविधाओं को अपना सकते हैं।

डॉ. सुनील कुमार सिन्हा ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी और सदर अस्पतालों में परिवार कल्याण अभियान चलाया जाना है। इसके लिए प्रत्येक संस्थान के लिए 100 महिला नसबंदी और 10 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य रखा गया है।