बाल हृदय योजना से छह बच्चों के जीवन में आएगी सेहत की बहार

बाल हृदय योजना से छह बच्चों के जीवन में आएगी सेहत की बहार

बाल हृदय योजना से छह बच्चों के जीवन में आएगी सेहत की बहार

- योजना के तहत शुक्रवार को इन बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए पटना के आईजीआईसी भेजा गया

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 

सीतामढ़ी।

परिहार के सन्नी सिंह, मेजरगंज के गौरीशंकर, सोनवर्षा की आयुषी कुमारी, चोरौत के तरुण कुमार, रुन्नीसैदपुर के आनंद कुमार और डुमरा के कृष्णा कुमार के जीवन में सेहत की बहार आने वाली है। जिले के इन छह बच्चों को बाल हृदय योजना से नया जीवनदान मिलेगा। योजना के तहत शुक्रवार को इन बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए पटना के आईजीआईसी भेजा गया है। अहमदाबाद से आये चिकित्सकों का दल वहाँ बच्चों की स्क्रीनिंग करेगी। स्क्रीनिंग के बाद इन बच्चों को दिल में छेद के ऑपरेशन के लिए अहमदाबाद के श्री सत्य साईं हॉस्पिटल में भेजा जायेगा। वहीं जिन बच्चों को ऑपरेशन की आवश्यकता नहीं होगी, उन्हें डिवाइस लगाया जाएगा। 

आरबीएसके की 22 टीमें लगातार प्रयासरत-

जिले में जन्मजात बीमारियों से ग्रसित बच्चों की पहचान कर उचित इलाज देने का अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला समन्वयक डॉ. राजीव कुमार और प्रतीक यादव के प्रयास से जिले में अभी तक दो दर्जन से अधिक बच्चों के दिल का इलाज हो चुका है। आरबीएसके की 22 टीमें जिले भर में अभियान चलाकर ऐसे बच्चों को चयनित करती है। 

38 रोगों के निःशुल्क  इलाज का प्रावधान-

डॉ राजीव कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार बाल हृदय योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों का  निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। बच्चों में होने वाले कुल 38 रोगों के  निःशुल्क इलाज का प्रावधान है। इनमें चर्म रोग, दांत व आंख संबंधी रोग, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिए आरबीएसके टीम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। शून्य से छह साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए आंगनबाड़ी स्तर व छह से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नियमित अंतराल पर किया जाता है।