अब महाराजगंज का सांसद बनना आसान नहीं  लोगों में चर्चा का बाजार शुरू

अब महाराजगंज का सांसद बनना आसान नहीं  लोगों में चर्चा का बाजार शुरू

अब महाराजगंज का सांसद बनना आसान नहीं  लोगों में चर्चा का बाजार शुरू

P9bihar news 


 परशुराम सिंह,

जलालपुर :- एक तरफ निर्दलीय एमएलसी सच्चिदानंद राय के पुत्र तो दूसरी ओर पूर्व सांसद उमाशंकर सिंह के पुत्र जितेन्द्र स्वामी इस बार महाराजगंज का महाराज बनने की तैयारी में हैं तो उधर पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भी चुनावी दौर में चर्चा होने के कारण महराजगंज का सांसद बनने के राह में किसी को भी सांसद बनने में मुश्किल राह दिखाई पड़ रहा है।
 विधान परिषद का चुनाव निर्दलीय जीतने के बाद सच्चिदानंद राय का कद सारण ही नहीं बल्कि बिहार की राजनीति में भी कद बढ़ा हुआ दिखाई पड़ रहा है।

उधर सच्चिदानंद राय भी अपने सभी विकल्पों को खोल कर रखे हुए है। लेकिन उनके पुत्र के लिए यह कठिन दौड़ हो सकता है वहीं महाराजगंज सांसदीय क्षेत्र में कद्दावर नेताओं का जनता ने विश्वास हासिल कर लिया है
अब आने वाला वक्त ही बताएगा की सच्चिदानंद राय का विधान परिषद चुनाव में भाजपा से कटे अपने टिकट का बदला महाराजगंज लोकसभा में ले पाएंगे की नहीं चर्चा शुरू है लेकिन सफर तय करना आसान नहीं दिखाई पड़ रहा है।

महाराजगंज का महाराज बनना इस बार कुछ अधिक मुश्किल होता नजर आ रहा है क्योंकि एक तरफ निर्दलीय एमएलसी सच्चिदानंद राय के पुत्र तो दूसरी ओर पूर्व सांसद उमाशंकर सिंह के पुत्र जितेन्द्र स्वामी का चेहरा भी सांसदीय चुनाव में इस बार नजर आने वाला है आपको बताते चले कि वहीं महाराजगंज लोकसभा के वर्तमान सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल बीजेपी से तो वहीं राजद से पूर्व सांसद के पुत्र रणधीर सिंह का चेहरा भी लगातार आपके सामने रहा है।

लेकिन अब देखना यह है कि इस बार बीजेपी जीते हुए प्रतिनिधि यानी जनार्दन सिंह सिग्रीवाल का टिकट काट कर नया चेहरा महागठबंधन के खिलाफ में उतारती हैं या नहीं तो वहीं दूसरी ओर राजद पूर्व सांसद रणधीर सिंह का टिकट काट कर महागठबंधन नया चेहरा बीजेपी के खिलाफ उतारती हैं या नहीं तो फिर महाराजगंज का महाराज बनना बहुत मुश्किल हो सकता है।दोनों दल के उम्मीदवार के घोषणा पर ही लोगों की नजरें हैं और चर्चा तेज हैं।