चल पड़ी सतारूढ़़ राजनीतिक पार्टियां अब कॉग्रेस की राह पर
चल पड़ी सतारूढ़़ राजनीतिक पार्टियां अब कॉग्रेस की राह पर
सत्येन्द्र कुमार शर्मा
सतारूढ़़ राजनीतिक पार्टियां अब कॉग्रेस की राह पर चलने की ओर अग्रसर दिखाई पड़ने लगी है।
आक्रोश लोगों के जेहन में भी कौंध रहा है कहने मेंं कोई हिचकिचाहट नहीं है।कल तक सत्तारूढ़ पार्टी के नेता इंदिरा आवास योजना को एक व्यक्ति विशेष के नाम पर चलाए जाने का विरोध दर्ज कराने में कोई हिचकिचाहट नहीं करते थे।जवाहर रोजगार योजना का भी विरोध कर नाम बदल दिया गया।
लेकिन आज सतारूढ़़ राजनीतिक पार्टियों द्वारा नरेन्द्र मोदी नीतीश नगर बनाने की घोषणा कर इसमें तेजी लाने का कवायद भी शुरू कर दिया गया है।साथ ही उसका प्रसार प्रचार भी जमकर किया जा रहा है।
साथ ही पटना में बुलडोजर चलाने की सरकार की पहल पर हालांकि फिलवक्त उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दिया गया है लेकिन इस घटना से लोगों के जेहन में भयानक आक्रोश व्याप्त हो रहा है जो शोशल मीडिया पर तेजी से फैल भी रहा है।
बुलडोजर की घटना पर एक व्यक्ति के आक्रोश के शब्द उनके ही शैली में कुछ इस तरह से सामने आया है।वे कहते हैं "अगर आज आप चुप रहे तो कल आपका भी नम्बर आएगा हरामखोर नेताओ की वजह से जिन्हें आप चुनकर सदन में भेजते है।आज इस बुलडोजर के खिलाफ आवाज नही निकलेगा लेकिन कल ये गिद्ध रूपी नेता जाती पता करके फ़ोटो खिंचवाने जरूर जाएंगे।
हम बिल्कुल इसका विरोध करते है क्योंकि मेहनत से कमाकर अपने सपनो का घर कैसे बनता है हम जानते है सरकार नही जो जनता के पैसे से सरकारी भवनों को बाप की जागीर समझकर सोते है।इस घटना से जनता में आक्रोश है और आने वाले समय मे नीतीश कुमार जी को जवाब जनता देगी।ये भले ही मेरा घर नही है पर इनका दर्द हम अवश्य समझ सकते है।"
अब आक्रोश के शब्दों के परिपेक्ष्य में किसी का बना बनाया आसियाना आप उजार डाले।जब वे अपने जमीन जायजाद बेंचकर पूरे जीवन की कमाई लगाकर रहने के लिए आवास बनाकर रह रहे थे।
आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि सरकार के मानकों मेंं आमतौर पर लोगों को आसियाना बनाने की कवायद कॉग्रेस की सरकार मेंं इंदिरा आवास योजना के रूप में शुरू किया गया।यहां एक सवाल खड़ा है कि दशकों योजना के संचालन के बाद भी जरूरत मंद लोगों को आवास मयस्सर कराया जा सका सवालों के घेरे में है।
बहरहाल अब उस योजना का नाम बदल दिया गया उसे प्रधानमंत्री आवास योजना के रूप में शुरू कर दिया गया है। योजना के धरातल पर क्रियान्वयन जमीनी हकीकत से सरकार के प्रतिनिधि विधायिका एवं कार्यपालिका दोनों भलिभांति अवगत भी है।
चुकी हाल ही में बड़े पैमाने पर योजनाओं के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की जांच गांव-गांव जाकर आला अधिकारियों की टीम द्वारा जांच किया गया।जांच प्रतिवेदन मेंं धरातली सत्यापन का सार्वजनिक प्रसार भी नहीं किया गया है।
अब इंदिरा आवास योजना के बदले प्रधानमंत्री आवास योजना फिर नरेन्द्र मोदी नीतीश कुमार आवास योजना की रुप रेखा का प्रचार प्रसार आमतौर किया जा रहा है जो कॉग्रेस की राह पर चलने का द्योतक है कहने मेंं लोग तनिक भी नहीं हिचकिचा रहे हैं।
तो दूसरी तरफ पटना में सैकड़ों लोगों के आवास को प्रशासन के बल बूते से तोड़ दिया गया है।लोग खुले आसमान के नीचें रहने को विवश हो गये हैं।क्या इनके रहने के लिए नरेन्द्र मोदी नीतीश कुमार शहर बनकर तैयार भी है सवाल खड़े हो गए हैं।