नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम के तहत लैब टेक्नीशियनों की होगी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनिंग 

नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम के तहत लैब टेक्नीशियनों की होगी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनिंग 

नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम के तहत लैब टेक्नीशियनों की होगी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनिंग 

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी। जिले में 10 फरवरी 2024 से  सर्वजन दवा सेवन कार्यकम का संचालन होगा। इसके सफल संचालन हेतु नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम आयोजित होगा। जिसमें रात 8:30से 12 तक लोगो के रक्त की जाँच की जाएगी। नाइट ब्लड सर्वें कार्यक्रम संचालन के पूर्व लैब टेक्नीशियनों की मेडिकल कॉलेज माइक्रोबायोलॉजी लैब बेतिया में 12 दिसंबर को पूर्वाहन 10:00 बजे से प्रशिक्षण कराया जाएगा।

इस सम्बन्ध में अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, फाइलेरिया, बिहार द्वारा पत्र निर्गत किया गया है। जिले के डीभीडीसीओ डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के आलोक में पूर्वी चम्पारण, जिलान्तर्गत 10 फरवरी 2024 से होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यकम के पूर्व सभी प्रखण्डों, तुरकौलिया, घोड़ासहन, रक्सौल, बंजरिया, तथा मोतिहारी शहरी क्षेत्र को छोड़कर, में  नाइट ब्लड सर्वे गतिविधि की जानी है।

उक्त नाइट ब्लड सर्वे गतिविधि के सफल संचालन एवं कियान्वयन हेतु सभी प्रखण्डों से नामित प्रयोगशाला प्रावैधिक का एक दिवसीय प्रशिक्षण होना है। इसको लेकर विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गईं है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रतिनिधि, पिरामल, डब्ल्यूएचओ, प्रतिलिपि संबंधित सभी एल टी . प्रा०स्वा० केन्द्र पूर्वी चम्पारण को निर्देशित है कि प्रशिक्षण में ससमय उपस्थित रहेंगे।

सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक परजीवी जनित रोग है। जो मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। आमतौर पर फाइलेरिया के लक्षण शुरू में स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते। इसके लक्षण आने में कभी कभी सालों लग जाते है। प्रायः फाइलेरिया मरीजों में बुखार, बदन में खुजली व सूजन की समस्या दिखाई देती है।

इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथीपांव और  अंडकोषों की सूजन, फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया हो जाने के बाद धीरे-धीरे यह गंभीर रूप लेने लगता है। इससे बचाव के लिए विभाग द्वारा सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम संचालित किया जाता है।जिसमें 2 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को अल्बेंडाजोल एवं डीईसी की गोली आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व स्वास्थ्यकर्मियों की देखरेख में खिलाई जाती है ।

मौके पर प्रभारी डीभीडीसीओ डॉ आलोक कुमार भीडीसीओ सत्यनारायण उरांव, धर्मेंद्र कुमार, रविंद्र कुमार, चंद्रभानु सिंह व अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे।