केविवि प्रशासन पीएचडी नामांकन में धांधली करने वालो पर कारवाई के बजाय कर रही है पदोन्नति

केविवि प्रशासन पीएचडी नामांकन में धांधली करने वालो पर कारवाई के बजाय कर रही है पदोन्नति

केविवि प्रशासन पीएचडी नामांकन में धांधली करने वालो पर कारवाई के बजाय कर रही है पदोन्नति

केविवि बन चुका है भ्रष्टाचारियों का अड्डा और इसका सरगना विश्वविद्यालय के कुलपति है: जाप नेता

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
मोतिहारी,पू०च०।
महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीएचडी नामांकन में हुई धांधली का मामला कम होते हुए दिखाई नही दे रहा है , लागातर धांधली के खिलाफ आवाज उठा रहे जन अधिकार छात्र परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक बार नामंकन में धांधली करने वालो पर कारवाई समेत अन्य चीजों को लेकर फिर से विश्वविद्यालय के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है।शहर के एक निजी होटल में जन अधिकार छात्र परिषद के तिरहुत प्रमंडल अध्यक्ष आकाश कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता कर विश्वविद्यालय पर दोषियों को बचाने और जाँच रिपोर्ट को छुपाने तथा जाँच में लीपापोती का आरोप लगाया है।

जन अधिकार छात्र परिषद के तिरहुत प्रमंडल अध्यक्ष आकाश कुमार सिंह ने प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक तरफ विश्वविद्यालय के कुलपति निष्पक्ष जाँच और न्याय की बात करते तो दूसरी तरफ धांधली में संलिप्त दोषियों का पदोन्नति कर रहे हैं। जब मीडिया अध्ययन विभाग पर नामांकन में धांधली का आरोप है और इससे सम्बंधित जांच कमिटी द्वारा जाँच की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही 18 अगस्त को चोर दरवाजे से विश्वविद्यालय द्वारा नामांकन में फर्जीवाड़ा के आरोपी मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी कुमार झा के अध्यक्षता में डीआरसी की कमिटी को बना दिया गया।

इतना ही नही नामांकन में हुई गड़बड़ी में संलिप्त वाह्य परीक्षक प्रो बंदना पाण्डेय को पुनः एक्सटर्नल के रूप में कैसे नयुक्त कर दिया गया।जाप के छात्र नेता श्रीं सिंह ने कहा कि जाँच कमिटी के रिपोर्ट के आधार पर 9 सितंबर को विश्वविद्यालय द्वारा नामांकन को रद्द करने का सूचना जारी किया गया लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन दोषियों पर कारवाई करने के बजाय दोषी से ही पुनः वाइवा कराने हेतु प्रपोजल की मांग किया गया क्या यही न्याय है ?

 जांच की प्रक्रिया को भटकना एवं रिपोर्ट में पक्षपात के अंदेशे को लेकर मैने दिनांक 29 अगस्त को आमरण अनशन भी किया उसके 10 दिन बाद विभाग में हुए नामांकन को गलत पाने पर रद्द कर दिया गया। इस बाबत कुलपति से मेरे कुछ सवाल है जिनका वह जवाब नहीं दे रहे इसलिए मीडिया के माध्यम से इन सवालों को रखना विद्यार्थी हित और चंपारण के हित में जरूरी है।


जाप के छात्र नेता श्री सिंह ने विश्वविद्यालय के कुलपति से पूछा कि जांच रिपोर्ट को वादे के मुताबिक सबके सामने जिसमें मीडिया भी शामिल हो क्यों नहीं रखा गया? अगर कुछ गलत नहीं है तो चीजे छुपाई क्यों जा रही है? अगर गलत और फर्जीवाड़ा नहीं हुआ था तो जांच, नामांकन को रद्द करना जैसी करवाई क्यों की गई ? और गलत हुआ तो फर्जीवाड़े के सरगना डॉ अंजनी झा पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई अभी तक ? जांच रिपोर्ट को वेबसाइट पर क्यों नहीं डाला गया जिससे इसके निष्पक्षता को सभी परख सके। जैसा कि मेरा आरोप था कि कमेटी चेयरमैन पैसे लेकर रिपोर्ट दबाने में लगे हैं।

क्या रिपोर्ट में जांच समिति ने विद्यार्थियों को गड़बड़ी, रिजल्ट में हेराफेरी का दोषी पाया है ,क्या विद्यार्थियों ने विवि को गलत तरीके से नामांकन के लिए चिट्ठी लिखी थी, निश्चित रूप से नहीं तो फिर फर्जीवाड़े के दोषी विभागाध्यक्ष के बदले किसके दबाव में उन 5 विद्यार्थियों की कुर्बानी दी गई, क्या सबसे निरीह विद्यार्थी ही है कि फर्जीवाड़ा करें विभागाध्यक्ष, उसका रैकेट और सजा मिले विद्यार्थी को बापू के कर्मभूमि पर कैसी गंदगी मचा रखी है कुलपति।जाप के छात्र नेता ने कहा कि जब आरोप वायवा की अंक सूची बदले जाने, 30 अंक में वायवा होने के डेढ़ माह बाद वह भी नामांकन के बाद नई 100 अंक की सूची तैयार करने और उस फर्जी वायवा स्कोर पर दो सदस्यों द्वारा साइन नहीं करने पर केन्द्रित होनी चाहिए

तो कमेटी ने जांच क्या किया, क्या 100 नंबर का फर्जी वायवा शीट 5 जुलाई को एडमिशन के बाद तैयार कराने वाले विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी झा और एक्सटर्नल एक्सपर्ट बंदना पांडेय पर कार्रवाई को लेकर कमेटी ने क्या राय दी या इस मामले को ले देकर निपटा दिया गया और यह अंदेशा मैने पहले ही जताया भी था ,क्या कमेटी ने फर्जीवाड़े के आरोपी विभागाध्यक्ष डॉ अंजनी झा और एक्सटर्नल एक्सपर्ट प्रो बंदना पांडेय के मेल की जांच कराई।

जिससे पता लगे कि 100 वाली शीट 5 जुलाई के पहले की है या 11 जुलाई के बाद की। जैसा कि डीआरसी के दो सदस्यों ने इसी आधार पर साइन से माना किया था।छात्र नेता ने आगे कहा कि आरटीआई द्वारा दिए कागजात में नई वाली वायवा शीट में डॉ उमा यादव जी की सहमति के बिना ही उनकी सहमति दिखाई गई है।

जिसको लेकर डॉ उमा मैम ने अपनी लिखित आपत्ति भी दर्ज कराई। उसको लेकर कमेटी ने क्या करवाई करने की अनुशंसा की।  अन्यथा पुनः आदोलन की शुरुआत की जायेगी, प्रेस वार्ता में छात्र जिला उपाध्यक्ष पुन्नू सिंह ,अनिरुद्ध यादव ,आकाश कुमार, नितेश कुमार आदि थे।