पत्रकारों को मिली कानूनी गर्भ समापन की जानकारी
पत्रकारों को मिली कानूनी गर्भ समापन की जानकारी
- सांझा प्रयास नेटवर्क और आईपास संस्था की तरफ से मीडिया कर्मियों का हुआ उन्मुखीकरण
- संशोधित एमटीपी एक्ट 2021 में विशेष परिस्थिति के तहत 24 सप्ताह का गर्भ समापन मान्य
P9bihar news
प्रमोद कुमार
वैशाली।
सांझा प्रयास नेटवर्क और आई पास संस्था द्वारा बुधवार को स्व. कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा सदन में सुरक्षित गर्भ समापन पर संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें मीडियाकर्मियों को गर्भ समापन से संबंधित संशोधित कानून के बारे में जानकारी दी गयी। कार्यशाला में आई पास के वरीय समन्वयक राजीव कुमार गुप्ता ने पीपीटी के माध्यम से एमटीपी एक्ट के बारे में जानकारी दी । कार्यशाला में मुख्य अतिथि जिला स्वास्थ्य समिति की डीसीएम निभा रानी सिन्हा थीं। उन्होंने कहा कि गर्भ समापन महिलाओं का अधिकार है।
एक निश्चित शर्त के साथ यह सुविधा उन्हें पीएचसी से लेकर जिला स्तरीय अस्पताल तक मुफ्त दी जाती है। राजीव गुप्ता ने बताया कि बिहार में 8 प्रतिशत मातृत्व मृत्यु का मुख्य कारण असुरक्षित गर्भ समापन ही है। एमटीपी एक्ट में नौ हफ्ते तक का गर्भ समापन गोली के द्वारा किया जा सकता है। वहीं 20 हफ्ते तक का गर्भ समापन भी एमटीपी एक्ट 1971 के तहत मान्य है। संशोधित गर्भ समापन अधिनियम 2021 के अंतर्गत विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए गर्भ समापन की अवधि 24 सप्ताह तक कर दिया गया है।
उन्मुखीकरण कार्यशाला में बताया गया कि वर्ष 1971 से पूर्व किसी भी प्रकार का गर्भ समापन अवैध माना जाता था। गर्भ समापन के लिए बड़ी कठिनाइयां होती थी। अनेक तरह के घरेलू उपायों से गर्भ समापन करने की प्रक्रिया में महिलाओं की मृत्यु हो जाती थी। उसे रोकने के लिए 1971 में एमटीपी एक्ट बना। इसके बाद से सुरक्षित गर्भ समापन की प्रक्रिया शुरू हुई। अज्ञानता के कारण मृत्यु दर में कुछ खास कमी नहीं हो रही थी। उन्होंने बताया कि 1971 के प्रावधानों के अनुसार, गर्भ समापन को शर्तों के साथ वैध माना गया एवं एमटीपी एक्ट में 2021 में संशोधन किया गया। इससे विशेष श्रेणी की महिलाओं के लिए 24 सप्ताह तक के गर्भ को शर्तों के अनुसार समापन कराया जा सकता है।
भ्रूण विकृति के मामलों में किसी भी समय गर्भ समापन मान्य
प्रेजेंटेशन के दौरान राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि भ्रूण विकृति के मामले में किसी भी समय गर्भपात कराया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी महिला या उसके साथी के द्वारा प्रयोग किए गए गर्भनिरोधक तरीके की विफलता की स्थिति में अविवाहित महिलाओं को भी गर्भ समापन सेवाएं दी जा सकेंगी। उन्होंने बताया कि 20 सप्ताह तक एमटीपी के लिए एक आरएमपी (पंजीकृत प्रशिक्षित चिकित्सक) और 20 से 24 सप्ताह के लिए दो आरएमपी की राय चाहिए।
इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि गोपनीयता को कड़ाई से बनाए रखा जाना आवश्यक है। कार्यशाला के दौरान स्व. कन्हाई शुक्ला सामाजिक सेवा सदन के सचिव सुधीर शुक्ला, डीसीएम निभा रानी सिन्हा, आई पास के वरीय समन्वयक राजीव कुमार गुप्ता सहित शहर के मीडिया कर्मी सहित अन्य बुद्धिजीवी मौजूद थे।