घर-घर कालाजार रोगी खोज कार्यक्रम शुरू 

घर-घर कालाजार रोगी खोज कार्यक्रम शुरू 

घर-घर कालाजार रोगी खोज कार्यक्रम शुरू 

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
सीतामढ़ी।
कालाजार को जड़ से समाप्त करने के लिए जिले में लगातार प्रयास हो रहे हैं। गुरुवार से उच्च प्राथमिकता वाले जिले के पांच प्रखण्डों (डुमरा, बाजपट्टी, बोखड़ा, रून्नीसैदपुर और सुरसंड) के 12 अति प्रभावित गाँवों में घर-घर कालाजार रोगी खोज कार्यक्रम प्रारम्भ हो गया।

जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि  यह अभियान इन प्रखंडों में पांच अगस्त तक चलेगा।कार्ययोजनानुसार कुल 17 हजार 781 घरों में मे जाकर कालाजार पीकेडीएल के लक्षण वाले सम्भावित रोगियों की खोज होगी। इस कार्य के लिए 75 आशा कार्यकर्ता और 14 आशा फेसिलिटेटर को लगाया गया है।

डॉ. यादव ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य को जिले में वर्ष 2018 में ही प्राप्त कर लिया गया और अब जिले में हम शून्य कालाजार की ओर बढ़ रहे हैं।जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि सम्भावित रोगियों की पहचान होने पर आशा द्वारा उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर रेफर किया जाएगा। स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा जांच में कालाजार  पीकेडीएल की सम्पुष्टि होने पर उनका मुफ्त इलाज किया जायेगा।

साथ ही उन्हें क्रमशः 7100 / 4000 का आर्थिक अनुदान भी दिया जायेगा। इस हेतु सभी भीबीडीएस तथा केबीसी का जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव द्वारा अभिमुखीकरण भी किया गया। प्रखण्ड स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं को भी प्रशिक्षण दिया गया है। सभी आशा को इस निमित्त विशेष पंजी उपलब्ध कराया गया है। जिसमें घर के मुखिया तथा संभावित रोगी का ब्यौरा अंकित किया जायेगा और रोगी रेफरल पर्ची के माध्यम से संबंधित अस्पताल में  भेजा जायेगा।

रुक-रुक कर बुखार आना, भूख कम लगना, शरीर में पीलापन और वजन घटना, तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना, त्वचा-सूखी, पतली होना और बाल झड़ना कालाजार के मुख्य लक्षण हैं। इससे पीड़ित होने पर शरीर में तेजी से खून की कमी होने लगती है।