स्वास्थ्यकर्मी दवा देंगे नहीं, अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया की दवा: डीएम

स्वास्थ्यकर्मी दवा देंगे नहीं, अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया की दवा: डीएम

स्वास्थ्यकर्मी दवा देंगे नहीं, अपने सामने खिलाएंगे फाइलेरिया की दवा: डीएम

- जिले भर में 12 दिसम्बर से फाइलेरिया से बचाव हेतु सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम, ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर का हुआ आयोजन

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 

सीतामढ़ी। 23 नवंबर

स्वास्थ्य विभाग जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता के साथ हर स्तर पर सार्थक प्रयास कर रही है। इसी के तहत जिले भर में 12 दिसम्बर से फाइलेरिया से बचाव हेतु सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जाएगा। इस दौरान सभी योग्य व्यक्ति दवा का सेवन करें, जिससे जिला कालाजार की तरह फाइलेरिया से भी मुक्त  हो सके। यें  बातें जिलाधिकारी मनेश कुमार मीणा ने कही।

जिलाधिकारी   फाइलेरिया मुक्त अभियान की शुरुआत से पूर्व बुधवार को एक निजी होटल में जिला स्तरीय टीओटी के प्रशिक्षण कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान 2 वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती स्त्री और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़ सभी को दवा खिलायी जाएगी। आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका घर-घर जाकर दवा खिलायेंगी। इस दौरान आशा और आंगनबाड़ी अपनी निगरानी में ही दवा खिलाएंगी। दवाओं का वितरण किसी भी कीमत पर नहीं होना है।

ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर का हुआ आयोजन:

सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की सफलता और रूपरेखा बनाने के लिए ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर का आयोजन किया गया। इसमें प्रत्येक पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम, बीएचएम एवं केटीएस के साथ माइक्रोप्लान पर चर्चा की गयी। जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. रवीन्द्र कुमार यादव ने बताया कि प्रशिक्षण पाए कर्मी पीएचसी पर जाकर सभी आशा एवं ड्रग सुपरवाइजर को प्रशिक्षण देंगे।

जिनके द्वारा दवा का वितरण किया जाना है। उनको यह बात खास तौर पर बताई जाएगी कि लाभार्थियों को दवा स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही खानी है। दवा को सामने खिलाने के दौरान ही स्वास्थ्य कर्मी दवा खाने से पहले उन्हें दवा के प्रतिकूल प्रभावों जो कि अस्थायी और तात्कालिक हैं, के बारे में बताएंगे। 

दो प्रकार की दवा खिलायी जाएगी:

सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र लाल ने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग संकल्पित है। माइक्रो-प्लान के अनुसार कार्य संपादित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दो प्रकार की दवा खिलायी जाएगी।

इस दौरान आशा और आंगनबाड़ी अपनी निगरानी में ही दवा खिलाएंगी। जिसमें डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवा शामिल है। दवा गर्भवती महिलाओं एवं अति गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के अलावा दो वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों को छोड़कर शेष सभी लोगों को खिलाई जाएगी। 

फाइलेरिया दीर्घकालिक विकलांगता का प्रमुख कारण:

डॉ. यादव ने बताया कि फाइलेरिया या हाथीपांव रोग सार्वजनिक स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। यह रोग मच्छर के काटने से फैलता है। यह मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर गंदे एवं रुके हुए पानी में पनपता है।

इस मच्छर के काटने से किसी भी उम्र का व्यक्ति ग्रसित हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। लोगों की जिम्मेदारी है कि जब स्वास्थ्य कर्मी घर पहुंचे तो फाइलेरिया से मुक्ति के लिए दवा का सेवन करें। इन दवाओं के खाने से किसी भी प्रकार का  कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है  ।