स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू उत्पादों को न लेने की खायी शपथ 

स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू उत्पादों को न लेने की खायी शपथ 

स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू उत्पादों को न लेने की खायी शपथ 

- तम्बाकू एवं तम्बाकू उत्पादों से पर्यावरण पर भी ख़तरनाक प्रभाव पड़ता है

प्रमोद कुमार 


मुजफ्फरपुर,पू०च०।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर मंगलवार को सदर अस्पताल के गैर संचारी विभाग में स्वास्थ्यकर्मियों ने तंबाकू उत्पादों को न लेने की शपथ ली। वहीं मौके पर गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ शिवशंकर ने कहा कि किसी भी तरह का तंबाकू उत्पाद हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हितकर नहीं है। एक तरफ यही व्यक्ति में असाध्य रोगों को जन्म देता है दूसरी ओर इससे निकलने वाला कचरा वातावरण को दूषित करता है।

तम्बाकू के सेवन के प्रति रुचि आजकल न सिर्फ युवाओं में बल्कि स्कूली बच्चों में बढती जा रही है। तम्बाकू सेवन बहुत से गंभीर बीमारियों की जड़ है। इसलिए इसको रोकने और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर वर्ष 31 मई को पूरे विश्व में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। बताते चलें कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की शुरुआत डब्ल्यूएचओ द्वारा 1987 में की गयी थी।

इस दिन का उद्देश्य तंबाकू सेवन के व्यापक प्रसार और नकारात्मक स्वास्थ्य प्रभावों की ओर ध्यान आकर्षित करना है। जो वर्तमान में दुनिया भर में हर साल 70 लाख से अधिक मौतों का कारण बनता है।गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ शिवशंकर ने बताया तम्बाकू सेवन बहुत सी नुकसानदायक बीमारियों की जड़ है। कैंसर जैसी  बीमारी भी तम्बाकू के सेवन से ही होती है। फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है।

क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की सम्भावना ज्यादा होती है। दुनियाँ में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है। जिसकी मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना ही होता है।खैनी,पुड़िया,जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर की संभावना बनी रहती है। इन सभी तरह के रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे जरूरी विकल्प है।गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ शिवशंकर ने कहा कि तम्बाकू की लत बहुत खराब होती है।

अगर कोई व्यक्ति इसका शिकार हो जाता  तो फिर इससे निकलना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इससे निकलना चाहे तो इसके लिए उन्हें चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है। मजबूत इच्छाशक्ति के साथ चिकित्सकीय उपचार व परिवार एवं आसपास के लोगों का सपोर्ट लेकर लोग तम्बाकू सेवन की लत से बाहर निकल सकते हैं।मौके पर काउंसेलर स्वेता कुमारी, ममता कुमारी, स्टाफ नर्स अनुपमा कुमारी, एएनएम रमेश महतो, पंकज, शत्रुध्न, राकेश सहित अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे।