पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का हुआ गठन

पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का हुआ गठन

पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का हुआ गठन

प्रमोद कुमार 


मेहसी,पू०च०।
बाल अधिकारों के प्रति सामुदायिक जागरूकता एवं चेतना सृजित करने की गरज से आज मेहसी प्रखंड के कटहाँ पंचायत के मुखिया मोशताक़ आलम की अध्यक्षता में पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया।

इस अवसर पर समाज कल्याण, विभाग महिला एवं बाल विकास निगम, यूनिसेफ के सहयोग से सेव द चिल्ड्रेन द्वारा संचालित उड़ान प्रोजेक्ट के जिला समन्वयक हामिद रजा ने समिति के गठन के उद्देश्यों को बताते हुए कहा कि बच्चों के हित में माता-पिता एवं समुदाय के व्यवहार गत बदलाव को बढ़ावा देने देने बच्चों के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे

कार्यक्रमों एवं योजनाओं के प्रति समुदाय में जागरूकता बढ़ाना समुदाय में विषम परिस्थिति में रह रहे बच्चों की पहचान करना एवं इन बच्चों को शामिल करते हुए बाल संरक्षण योजना तैयार करना तथा इसे जिला बाल संरक्षण इकाई बाल संरक्षण समिति किशोर न्याय परिषद तथा विशेष किशोर पुलिस इकाई जैसी विधिक नियमों के साथ आवश्यक कार्रवाई हेतु साझा करना इस अवसर पर श्री हामिद ने बच्चों के मुख्य चार अधिकार जीवन जीने का अधिकार विकास का अधिकार संरक्षण का अधिकार और सभ्यता के अधिकार को विस्तृत रूप से बताया।

 इस अवसर पर बिहार सरकार के मार्गदर्शिका के अनुरूप पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति का गठन किया गया। जिसमें अध्यक्ष मुखिया मुस्ताक आलम, अफसाना खातून उप मुखिया उपाध्यक्ष, लेडी सुपरवाइजर ललिता कुमारी सचिव, सरपंच नरेश प्रसाद साह सदस्य, पंचायत समिति सदस्य रामसखी देवी  ,कृष्णा पंडित सदस्य , वार्ड सदस्य नाज़नीन खातून,  किरण देवी, रंभा देवी, सीता देवी, छोटेलाल यादव, चंदा देवी, राजू यादव, दिलीप कुमार, अनिल कुमार राम, राजू कुमार साह,

छोटेलाल सहनी, देवलाल साह, संगीता कुमारी, जितेंद्र चौधरी, मोहम्मद नईम उद्दीन सदस्य , शिक्षिका अनीता कुमारी, एएनएम शमा आरा, विकर्स मित्र  प्रेमशिला देवी, सेविका पूजा कुमारी,  किशोरी समूह से काजल कुमारी,  उषा कुमारी, विक्की कुमारी, अंजली कुमारी सदस्य, चौकीदार अवधेश कुमार  सदस्य चुने गए।

इस अवसर पर हामिद रजा  पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के कार्यों को बताते हुए कहा कि बेहतर स्वास्थ्य, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं यथा उचित पोषण के प्रति बाल अधिकारों की गारंटी को सुनिश्चित करने के लिए सरकार की पहुंच गांव में रह रहे सभी बच्चों तक के हो, सरकार यह काम बच्चों के समग्र विकास के लिए किसी भी रूप में हिंसा, शोषण एवं  दुर्व्यवहार  इत्यादि से बच्चों का संरक्षण उतना ही महत्वपूर्ण है,

जितना कि स्वास्थ्य, शिक्षा एवं पोषण।  यह मुद्दे परंपरिक रूप से जुड़े हैं और इन्हें अलग-अलग नहीं देखा जा सकता परंतु बाल संरक्षण के क्षेत्र में पंचायत स्तर पर मुख्य रूप से जिम्मेदार किसी सेवा प्रदाता संस्था या किसी विशेष कर्मचारी प्रतिनिधि की  नहीं होने से संरक्षण के सवालों एवं संबंधित सेवाओं की उपेक्षा हो जाती है।

इसलिए बाल संरक्षण के मुद्दों से निपटने एवं विकट स्थिति में फंसे बच्चे या दुर्व्यवहार, हिंसा, शोषण के शिकार बच्चों को सुरक्षा प्रदान करना अथवा दूसरे शब्दों में बच्चों के संरक्षण, अधिकारों के उल्लंघन की स्थिति से निपटने के लिए पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति एक औपचारिक  रूप में स्वयं ही अपने आप को संगठित करना होगा।

इस अवसर पर सी सी एच टी के शिवबालक राय, पंचायत सचिव ब्रह्मचारी संजय कुमार, सिकिन्द्र मांझी, राजकिशोर प्रसाद आंगनवाड़ी सेविका मिक्की कुमारी, कौशल्या कुमारी अन्य लोग मौजूद थे।