डीएस एवं डीपीएम ने हरी झंडी दिखाई जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े को

डीएस एवं डीपीएम ने हरी झंडी दिखाई जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े को

डीएस एवं डीपीएम ने हरी झंडी दिखाई जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े को

P9bihar news 

सत्येन्द्र कुमार शर्मा, सारण :-  विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा की शुरुआत की गई।एएनएम स्कूल के छात्राओं ने  जागरूकता रैली निकाली।डीएस और डीपीएम ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया।अभियान 31 जुलाई तक चलेगा।

विश्व जनसंख्या दिवस पर आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। सदर अस्पताल के एएनएम स्कूल की  छात्राओं के द्वारा जागरूकता रैली निकाली गयी। डीएस डॉ. एसडी सिंह और डीपीएम अरविन्द कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रैली को रवाना किया। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एसडी सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के साथ देश की आर्थिक एवं सामाजिक विकास की कई योजनाओं को बाधित किया है।

इनके बीच देश की बढ़ती आबादी भी एक बड़ी चुनौती है। इसके प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष “परिवार नियोजन के अपनाओ उपाय, लिखो तरक्की का नया अध्याय” को थीम के रूप में चुना गया है। इस मौके पर डीएस के अलावा डीपीएम अरविन्द कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीपीसी रमेशचंद्र कुमार, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, बंटी कुमार रजक समेत अन्य मौजूद थे। 


महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी:
डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ावा देने के लिए 11 से 31 जुलाई तक जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन शिविर का आयोजन किया जाएगा।

जिसमें योग्य और इच्छुक लाभार्थियों को महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सभी सीएचसी, पीएचसी और सदर अस्पताल में परिवार कल्याण ऑपरेशन किया जाना है। इसके लिए प्रत्येक संस्थान को 100 महिला बंध्याकरण एवं 10 पुरुष नशबंदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन के अस्थाई साधन की समुचित सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। इसलिए जो लाभार्थी अस्थाई साधन को अपनाना चाहते हैं, वे अस्थाई साधन के रूप में कॉपर-टी, छाया, अंतरा, कंडोम समेत अन्य सुविधाओं को अपना सकते हैं।

छोटे परिवार से ही होगा सपना साकार:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या देश की तरक्की में सबसे बड़ी बाधा है। । देश की अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक व्यवस्था पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है। । छोटा परिवार रखकर ही कोई व्यक्ति भविष्य में अपने सपनों को साकार कर सकता है। परिवार जितना छोटा होगा, उसमें खुशियों की संभावना उतनी अधिक होगी। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक व कर्मी आमजन को प्रेरित करें तथा समाज की प्रगति में भागीदार बनें।
परिवार नियोजन के उपायों को जानें: 

महिला नसबंदी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 15 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किया जाता है। यह  विधि प्रसव/ गर्भपात के 7 दिन के अंदर या 6 सप्ताह बाद अपनाया जा सकता है। पुरुष नसबंदी भी एक स्थायी साधन है जिसे मात्र 10 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा बिना चीड-फाड़ के किया जाता है।  जिसमें 1 घंटा बाद लाभार्थी की छुट्टी भी हो जाती है। यह विधि कभी भी अपनायी जा सकती  एवं इससे किसी भी प्रकार की कमजोरी नहीं होती है। कॉपर-टी एक अस्थायी विधि जिससे बच्चों के जन्म में अंतर रखा जा सकता है।

 कॉपर- टी विधि 10 वर्षों एवं 5 वर्षों के लिए अपनायी जा सकती है। कॉपर-टी निकलवाने के बाद प्रजनन क्षमता तुरंत वापस आ जाती है। गर्भनिरोधक गोली माला-एन एक सुरक्षित हार्मोनल गोली है जिसे महिला को एक गोली  प्रतिदिन लेनी होती है। माहवारी शुरू होने के 5 वें दिन से गोली की शुरुआत करनी चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रसव के 6 माह तक इस गोली का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।  

अंतरा एवं छाया दोनों परिवार नियोजन की नवीन अस्थायी विधियाँ हैं ।  अंतरा एक सुई है जो तीन माह तक प्रभावी रहती  है। लंबे समय तक सुरक्षा के लिए हर तीन महीने में सुई लगवानी होती है। जबकि छाया एक गोली है जिसे सप्ताह में एक बार तीन महीने तक, फिर सप्ताह में केवल एक बार जब तक बच्चा न चाहें।