दरियापुर पशु अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के अभाव में शोभा की वस्तु पशुपालक परेशान

दरियापुर पशु अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के अभाव में शोभा की वस्तु पशुपालक परेशान

दरियापुर पशु अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के अभाव में शोभा की वस्तु पशुपालक परेशान

गजेन्द्र कुमार, दरियापुर,

सारण :- स्थानीय पशु अस्पताल मूलभूत सुविधाओं के अभाव में शोभा की वस्तु बन चुकी है।यहाँ पशुपालकों के लिए कोई भी सुविधा उपलब्ध नही है।जिससे काफी परेशानियां झेलनी पर रही है।जब इसकी जांच पड़ताल की गई तब कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने खुलकर सामने आयी।

अस्पताल में मौजूद कार्यालय परिचारी महेंद्र यादव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि गत एक साल पहले यहाँ के चिकित्सक का स्थानांतरण हो गया।जिसके बाद से आज तक कोई चिकित्सक स्थायी प्रभार में नही है।यहाँ दरिहरा स्थित पशु अस्पताल के चिकित्सक डॉ0 विकास सक्सेना प्रभार में है।जिस कारण प्रतिदिन नही आ पाते है।वहीं जब अस्पताल में उपलब्ध दवाओं की जानकारी ली गयी तो बताया गया कि दवा भी एक साल से उपलब्ध नही कराया गया है।

जिससे किसी भी प्रकार की कोई दवा उपलब्ध नही है।वैसे कभी कोई दवा आती है तो वितरण किया जाता है।इतना ही नही मवेशियों का टीकाकरण भी सुचारू रूप से नही किया जाता है।ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि यह अस्पताल सिर्फ दिखावा मात्र की है।जबकि लाखों रुपये की लागत से अस्पताल भवन का निर्माण भी कराया गया है।हालांकि एक अच्छी बात यह नजर आयी कि वर्तमान में तीन कर्मी अस्पताल में मौजूद हैं।

परन्तु कार्यालय कक्ष की स्थिति भी साफ-सफाई के अभाव में  अस्त-व्यस्त ही नजर आ रही है।सभी सामान बेतरतीब ढंग से रखे गए थे।जिससे यह प्रतीत होता था कि नियमित रूप से सफाई भी नही करायी जाती है।अस्पताल के गेट के समीप दीवाल पर  लिखे गए समय सारणी के अनुसार 24 घण्टे इलाज की सुविधा उपलब्ध रहने की बात बताई गई है।जबकि हकीकत में चिकित्सक ही उपलब्ध नही है।

ऐसे में केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भले ही आए दिन बड़े-बड़े घोषणाएं की जाती है,परन्तु धरातल पर इसका कोई असर नही हो रहा है।जिससे पशुपालकों में काफी नाराजगी आक्रोश व्याप्त है।विदित हो कि प्रखण्ड क्षेत्र में दरियापुर,दरिहरा व डेरनी समेत कुल तीन पशु अस्पताल है।

जिसमे एक ही चिकित्सक दो जगह प्रतिनियुक्त हैं जबकि एक महिला चिकित्सक डेरनी में अतिरिक्त प्रभार में हैं।जिससे किसी भी अस्पतालों में प्रतिदिन चिकित्सक मौजूद नही रहते है।