बापू की कर्म भूमि में आयोजित दीक्षांत समारोह में आकर मुझे हो रही है प्रसन्नता राष्ट्रपति

बापू की कर्म भूमि में आयोजित दीक्षांत समारोह में आकर मुझे हो रही है प्रसन्नता राष्ट्रपति

बापू की कर्म भूमि में आयोजित दीक्षांत समारोह में आकर मुझे हो रही है प्रसन्नता राष्ट्रपति

P9bihar news 

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी।आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह में भारत की  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू,  राज्यपाल, बिहार राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर मुख्यमंत्री, बिहार नीतीश कुमार   कुलाधिपति महेश शर्मा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर विधिवत कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी।

विश्वविद्यालय के कुलपति ने उपाधि प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को शपथ दिलाई।समारोह में राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, मधुबनी पेंटिंग एवं महात्मा गांधी को मोमेंटो भेंटकर उनका स्वागत किया।राष्ट्रपति ने सबसे पहले दीक्षांत समारोह में प्रसिद्ध उद्योगपति, लेखक, समाजिक विचारक आर०के० सिन्हा एवं भारतीय अभिनेता फिल्म निर्देशक एवं पटकथा लेखक चंद्र प्रकाश द्विवेदी को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। ।

समारोह में सशस्त्र सीमा बल के बैंड द्वारा राष्ट्रगान की धुन बजायी गयी। दीक्षांत समारोह को  राष्ट्रपति  द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित करते हुए कहा कि बापू की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण में स्थापित  मोतिहारी के प्रथम दीक्षांत समारोह में आकर मुझे बेहद प्रसन्नता हो रही है। मैं आज उपाधि प्राप्त करने वाले सभी लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं। आज दो विशिष्ट व्यक्ति डॉक्टरेट के मानद उपाधि से सम्मानित हुए हैं।

मैं उन्हें भी विशेष तौर पर बधाई देती हूं। इस विश्वविद्यालय से प्रथम स्थान प्राप्त करनेवालों में 60 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है। इस उपलब्धि के लिए मैं उन्हें साधुवाद देती हूं। मुझे विकसित भारत का स्वरुप यहां दिखाई दे रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी छात्र-छात्राओं को समान शिक्षा का अवसर प्रदान करने की बात हमेशा कहा करते थे। गांधी जी के इस विचार को सदैव ध्यान में रखना चाहिए।

उनके चंपारण सत्याग्रह में यहां के कई विभूतियों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने अपनी आत्मकथा में गांधी जी के चंपारण प्रवास की चर्चा की है। गांधी जी ने समाजिक समानता, एकता का रास्ता अपनाने का लोगों से आह्वान किया था।

यहां पर वाल्मिकी टाइगर रिजर्व है। यह धरती इतिहास एवं वन संपदा से समृद्ध है। यहां पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं। आप सभी भगवान बुद्ध और बापू की इस धरती पर शिक्षा हासिल कर शिक्षा का परचम लहरायाएं ,मैं पुनः अपनी शुभकामनाएं देती हूं।