उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को आर्टिस्ट अनिकेत राज ने भेंट की  उनकी  पोट्रेट पेंटिंग

उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को आर्टिस्ट अनिकेत राज ने भेंट की  उनकी  पोट्रेट पेंटिंग

उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को आर्टिस्ट अनिकेत राज ने भेंट की  उनकी  पोट्रेट पेंटिंग

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०।
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती यह  साबित किया है आर्टिस्ट अनिकेत राज ने।आर्टिस्ट अनिकेत राज ने उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को उनके पोट्रेट पेंटिंग बनाकर शिष्टाचार भेंट किए 31 मई को और उज्जवल भविष्य के लिए उन्होंने आशीर्वाद दिया।

यह मुलाकात पूर्व डिप्टी सीएम के लखनऊ यूनिवर्सिटी के समीप उनके सरकारी आवास पर बड़े मंगलवार के दिन हुई बड़े मंगलवार के दिन  पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा अपने सरकारी आवास के  गेट पर एवं अपने आवास पर प्रत्येक मंगलवार को भंडारा का आयोजन करते हैं  इस भंडारे में  कई मंत्री  उनके आवास पर आए थे , भंडारा खत्म होते ही सायं के समय सुंदरकांड का आयोजन पूजा-अर्चना हुई थी।

अनिकेत को विद्यालय स्तर से लेकर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिल चुका है।पिछले कुछ दिनों मणिकर्णिका आर्ट गैलरी ने अनिकेत को ( सर्वश्रेष्ठ लोक कला पुरस्कार) टीनएजर कैटेगरी में "फ्यूचर स्टार आर्टिस्ट 7नवाजा" से नवाजा था। इस राष्ट्रीय स्तर की पेंटिंग प्रतियोगिता में 5 हजार आर्टिस्टो ने भाग लिया था जिसमें अनिकेत सीरियल नंबर 82 पर थे।अनिकेत की पेंटिंग का परिणाम घोषित होने पर  जम्मू कश्मीर के महामहिम उपराज्यपाल मनोज सिन्हा  एवं उत्तर प्रदेश के कई मंत्रियों ने अनिकेत को शुभकामनाएं दिया।

बता दें कि अग्रहरी मोहल्ला निवासी चावल व्यवसायी दिनेश कुमार अग्रहरी माता सरिता देवी अग्रहरी के पुत्र  अनिकेत को  बचपन से ही पेंटिंग में रुचि थी  अनिकेत के पेंटिंग के गुरु डीएवी पब्लिक स्कूल के शिक्षक अवधेश कुमार सिन्हा का मार्गदर्शन काफी मिला है।अनिकेत ने अपने  चंपारण के  युवा साथियों को यह संदेश दिया आप जिस भी फील्ड में जाएं  अच्छा करें

अपने चंपारण का नाम रोशन करें।अनिकेत ने अपने एक महत्वपूर्ण बातें करते हुए साझा किया कि जैसे मधुबनी जिला मधुबनी पेंटिंग के नाम से जाना जाता है वैसे ही आने वाले कुछ दिनों में पूर्वी चंपारण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि मोतिहारी एक कला के माध्यम से जाना जाएगा ।