विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को लेकर घोड़ासहन बाजार में विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया 

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को लेकर घोड़ासहन बाजार में विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया 

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को लेकर घोड़ासहन बाजार में विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया 

प्रमोद कुमार 

मोतिहारी,पू०च०।
12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के पूर्व बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करने से संबंधित जन जागरूकता हेतु श्रम अधीक्षक राकेश रंजन के द्वारा श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पताही अनुभव कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी घोड़ासहन पुरुषोत्तम कुमार डंकन हॉस्पिटल रक्सौल के प्रतिनिधि चाइल्डलाइन के प्रतिनिधि प्रयास संस्था के विजय कुमार शर्मा  घोड़ासहन बाजार में विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया

तथा सभी नियोजित ओं से बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करने के संबंध में शपथ पत्र पाया गया तथा सभी दुकानदारों एवं नियोजन को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने दुकान होटल प्रतिष्ठान में किसी भी बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करेंगे तथा अपने दुकान में इस आशय का एक वोट लगाएंगे कि उनका दुकान या प्रतिष्ठान बाल श्रम मुक्त है।

घोड़ासहन  बाजार स्थित कुल - 02 प्रतिष्ठानों क्रमशः पशुपति मशीनरी स्टोर से 01 बाल श्रमिक एवं शिवशक्ति स्वीट्स कॉर्नर से 01 बाल श्रमिक  कुल-02 बाल श्रमिकों  को मुक्त कराया गया तथा विमुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति मोतिहारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया तथा संबंधित सभी नियोजकों के विरुद्ध रक्सौल थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया की जा रही है।

श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालयके आदेश के आलोक में सभी नियोजकों से प्रति बाल श्रमिक २०००० रुपया की वसूली की कारवाई अलग से की जाएगी जिसे नियमानुसार जिलाधिकारी के नाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कोष में जमा कराया जाएगा।


जिन नियोजकों के द्वारा ₹20000 जुर्माने की राशि नहीं जमा कराई जाएगी उनके विरुद्ध एक अलग से सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद दायर किया जाएगा।श्रम अधीक्षक ने घोड़ासहन  के सभी नियोजको से यह अपील की कि वे अपने दुकान या प्रतिष्ठान में किसी भी बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करें। यदि किसी भी दुकाने या प्रतिष्ठान में बाल श्रमिकों को नियोजित पाया जाता है

तो उनके नियोजकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए अग्रसर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्रम अधीक्षक ने बताया कि यह अभियान 12 जून तक लगातार सभी प्रखंडों में जारी रहेगा और किसी भी परिस्थिति में बाल श्रम को स्वीकार नहीं किया जाएगा।  ।