जिले के कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में हो रहा है सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव

जिले के कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में हो रहा है सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव

जिले के कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में हो रहा है सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
मोतिहारी,पू०च०।
जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कालाजार प्रभावित क्षेत्रों मे छिड़काव दलों के द्वारा सिंथेटिक पाइरोथाइराइड छिड़काव किया जा रहा है।ताकि कालाजार के वाहक बालू मक्खी का उन्मूलन किया जा    सके। कालाजार के मामलों पर नियंत्रण के लिए सोमवार को सुगौली के रोशनपुर, ढ़ाका के पचपकडी, केसरिया के सरोत्तर सहित अन्य प्रखंडों में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की जाँच प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के द्वारा की जा रही है। ताकि सही ढंग से दवा का छिड़काव किया जाए।

वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ शरत चँद्र शर्मा ने बताया कि कालाजार नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 60 दिनों तक जिले के 26 प्रखंडों के कालाजार प्रभावित स्थानों में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव किया जाना है। उन्होंने बताया कि छिड़काव दल कर्मियों के द्वारा छिड़काव के दौरान कालाजार के संभावित मरीजों की खोज भी की जा रही है। कालाजार के लक्षण वाले  मरीज मिलने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर उनकी समुचित जाँच की जाएगी।

साथ हीं  कालाजार की पुष्टि होने पर पूर्ण उपचार भी किया जाएगा जो पूरी तरह से निःशुल्क होगा ।भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार व सत्यनारायण उराँव ने बताया कि महादलित बस्तियों, गौशालाओं एवं झुग्गी-झोपडी में कालाजार के मरीज ज्यादा मिलते हैं। इसलिए ऐसे क्षेत्रों में लोगों को जागरूक करने के साथ सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि घोड़ासहन को छोड़कर बाकी 26 प्रखंडों के चिह्नित  स्थानों पर 56 दलों द्वारा 1लाख 95 हजार 4 सौ 75 घरों के  5 लाख 18 हजार 8 सौ 92 कमरों में छिड़काव हो रहा है।

इससे लगभग 10 लाख12 हजार 6 सौ 73 की आबादी का कालाजार से बचाव होगा ।डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया, कालाजार मरीजों की जाँच की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है। जबकि, सदर अस्पताल में भी समुचित इलाज की सुविधा उपलब्ध है। जिससे  संक्रमित मरीज मिलने पर उन्हें संबंधित पीएचसी द्वारा सदर अस्पताल रेफर किया जाता है।

मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है। पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान है।