गर्मियों के मौसम और नमी के कारण दिमागी या चमकी बुखार की बढ़ने की संभावना

गर्मियों के मौसम और नमी के कारण दिमागी या चमकी बुखार की बढ़ने की संभावना

गर्मियों के मौसम और नमी के कारण दिमागी या चमकी बुखार की बढ़ने की संभावना

P9bihar news 


सत्येन्द्र कुमार शर्मा

सारण:- 
एईएस और जेई को लेकर सीएचओ को प्रशिक्षित किया सदर अस्पताल में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) और जापानी इंसेफलाइटिस(जेई) के प्रबंधन पर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को जिला स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित जीएनएम स्कूल के सभागार में किया गया।

इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा, डीवीबीसीसीओ डॉ दिलीप कुमार, डीआईओ डॉ चंदेश्वर प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ आरपी सिंह, डीपीएम अरविंद कुमार, डीवीबीडीसी सुधीर कुमार सिंह सहित जिले के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) उपस्थित थे। 


जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में अलर्ट मोड में है स्वास्थ्य विभाग: सिविल सर्जन 


सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि एईएस मुख्य रूप से बच्चों की बीमारी है। हालांकि  एईएस से ग्रसित बच्चों की संख्या तिरहुत प्रमंडल में सबसे ज्यादा हैं। फिलहाल सारण जिले के एईएस और जेई से जिले के बच्चे अछूते हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग कोई भी कमी नहीं छोड़ना चाहता है।

चमकी आने की स्थिति में मरीज को करवट या पेट के बल लेटाने के साथ ही शरीर के कपड़े को ढीला कर देना चाहिए। साथ ही मरीज के मुंह में कुछ भी नहीं डालें। जिलाधिकारी अमन समीर के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य विभाग एईएस और जेई के प्रति पूरी तरह से अलर्ट है। ताकि किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नही हो, इसके लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। 


चमकी को धमकी के तहत तीन बातों को जरूर याद रखना खिलाओ, जगाओ और अस्पताल ले जाओ: डॉ दिलीप 


जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ दिलीप कुमार ने बताया कि हर साल गर्मियों के दिनों में दिमागी या चमकी बुखार का खतरा मंडराने लगता है। इस बीमारी से एक से 15 वर्ष तक के बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं। क्योंकि यह एक गंभीर बीमारी है। लेकिन समय पर इलाज होने से जल्द ही ठीक हो सकता है।

उन्होंने कहा कि चमकी को धमकी के तहत तीन बातों को जरूर याद रखना चाहिए। खिलाओ, जगाओ और अस्पताल ले जाओ। सबसे अहम बात यह है कि बच्चे को रात में सोने से पहले खाना जरूर खिलाएं, सुबह उठते ही बच्चों को भी जगाए और देखें बच्चा कहीं बेहोश या उसे चमकी तो नहीं है। बेहोशी या चमकी को देखते ही तुरंत एंबुलेंस या किसी अन्य गाड़ी से अस्पताल ले जाना चाहिए। 

आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एईएस के मरीजों के लिए बनाया गया अलग वार्ड: सुधीर कुमार 
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि चमकी बुखार से बचाव के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर भी खास इंतजाम किया गया है। क्योंकि आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए एईएस के मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाया गया है। वहीं इसके लिए आवश्यक दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है।

हालांकि इस व्यवस्था की पड़ताल विभागीय अधिकारियों द्वारा लगातार की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि एईएस के प्रति जागरूकता के लिए स्कूलों में भी अभियान चलाए जा रहे हैं। इसके लिए जिले के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में शिविर लगाकार शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों को एईएस और जेई के प्रबंधन के संबंध में बताया जा रहा है।