जिले में कालाजार छिड़काव का हो रहा है निरीक्षण
- सदर प्रखंड के लक्ष्मीपुर थरघटवा वार्ड नंबर 7, 8, 9,10 में हो रहा है छिड़काव
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०।
जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्र के गाँवों में कालाजार से बचाव को किए जा रहे छिड़काव का जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है। सदर प्रखंड के लक्ष्मीपुर थरघटवा वार्ड नंबर 7, 8, 9,10 में हो रहे कालाजार के दवा छिड़काव का निरीक्षण मोतिहारी सदर स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ श्रवण कुमार पासवान ने किया।
उन्होंने छिड़काव कार्य में लगे सदस्यों के कीटनाशक छिड़काव के तौर तरीकों का निरीक्षण किया। साथ ही छिड़काव कार्य में किसी प्रकार की लापरवही न बरतने की चेतावनी दी। उन्होंने अन्य गांव में भी चल रहे छिड़काव कार्य का निरीक्षण किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।उन्होंने बताया कि कालाजार से प्रभावित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। दवा का छिड़काव बालू मक्खी को मारने के लिए किया जाता है।
यह छिड़काव घरों के बरामदा और गौशाला में भी किया जा रहा है। ताकि कालाजार के छिड़काव से बालू मक्खी मर जाए।जिला भीबीडीसीओ डॉ शरतचंद्र शर्मा ने बताया कि समय- समय पर घर- घर कालाजार मरीज खोज अभियान चलाया जाता है। उन्होंने बताया कि जिला कालाजार के मरीजों के इलाज व जागरूकता में काफी अग्रणी साबित हो रहा है। यहां पिछले 4 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार कालाजार के मामलों में काफी कमी आ रही है।
वर्तमान में इस जिले में 75 प्रतिशत तक मरीजों के मामलों में कमी आ चुकी है। डीभीबीडीसीओ डॉ शर्मा ने बताया कि कालाजार बालू मक्खियों के काटने से होता है। पिछले कुछ वर्षों में स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयास व जागरूकता के कारण जिले में कालाजार के मरीजों की संख्या में कमी आई है।
बताया कि 2018 में 196 भीएल और 51 पीकेडीएल मरीज पाए गए। 2019 में 119 भीएल और 17 पीकेडीएल, 2020 में 69 भीएल व 17 पीकेडीएल, 2021 में 52 भीएल व 15 पीकेडीएल के मरीज पाए गए थे। वही जनवरी 2022 में कोई कालाजार का मरीज नहीं पाया गया है । जिले को कालाजार से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जाता है साथ ही समय समय पर आशा व स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग दी जाती है।
पूर्वी चंपारण के 25 प्रखंडों में कालाजार के मरीजों की जांच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध है।राज्य सरकार द्वारा कालाजार के मरीजों की आर्थिक सहायता हेतु 6600 रुपए दिया जाता है। वहीं भारत सरकार द्वारा 500 रूपए अलग से दिया जाता है।
उन्हें कुल 7100 रुपयों की आर्थिक सहायता दी जाती है।भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कालाजार में व्यक्ति को 2 हफ़्तों से ज्यादा बुखार, तिल्ली का बढ़ जाना, भूख नहीं लगना, वजन में कमी, चमड़े पर दाग होना तथा इस बीमारी में खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है।