बाल विवाह को लेकर 16 अक्टूबर को निकाला जाएगा मसाल जुलूस

बाल विवाह को लेकर 16 अक्टूबर को निकाला जाएगा मसाल जुलूस

बाल विवाह को लेकर 16 अक्टूबर को निकाला जाएगा मसाल जुलूस

P9bihar news 


प्रमोद कुमार 
मोतिहारी,पू०च०।
25 गांव से एक साथ उठेगी बाल विवाह की कुरीति मिटाने की आवाज 16 अक्टूबर को निर्देश स्वयंसेवी संस्था निकाला गया मसाल जुलूस।बाल विवाह की कुरीति पूरी तरह समाप्त करने के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने देशव्यापी मुहिम आरंभ की है। इसके तहत मोतिहारी में 16 अक्टूबर को जिले के 25 गांवों में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। खास बात यह है कि जुलूस का नेतृत्व संबंधित गांव की महिलाएं करेंगी। देश भर में एकसाथ इस प्रकार के जुलूस निकाले जाएंगे।

इसके साथ ग्रामीणों को बाल विवाह रोकने की मुहिम में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जाएगा। निर्देश संस्था की कार्यक्रम पदाधिकारी मधु सिंह ने कहा कि यह विडंबना है कि शारीरिक व मानसिक रूप से अपरिपक्व बच्चों को इच्छा के विरुद्ध बाल विवाह की आग में झोंक दिया जाता है। इससे बच्चे का सर्वांगीण विकास नहीं होता। यह शरीर, मन व आत्मा कुचलने जैसा पाप है।

जिससे बच्चियों के यौन शोषण को सामाजिक मान्यता मिलती है। अबोध बच्चियां यह जान भी नहीं पाती कि उनका जीवन अँधेरे में धकेल दिया गया है। समाज से ऐसी कुरीति को खत्म करने के लिए लगभग एक करोड़ नागरिकों की हिस्सेदारी की मुहिम का लक्ष्य है। इसमें हजारों कार्यकर्ताओं और सामाजिक संगठनों के अलावा युवा, महिलाएं, महिलाओं के संगठन, मुखिया, पंच, सरपंच, नेता, धर्मगुरु, शिक्षक, बाल सुरक्षा समितियां और संस्थाएं शामिल रहेंगे।

16 अक्टूबर को देश भर के 5000 गांव में लगभग 50000 महिलाओं और लड़कियों की अगुवाई में ग्रामवासी बाल विवाह का कलंक मिटाने की शपथ लेंगे। वह हाथों में दीये, मोमबत्तियां, मसाले या मोबाइल का टॉर्च लेकर प्रतिज्ञा करेंगे। पूर्वी चंपारण  के 25 गांवों में महिलाओं की अगुवाई में जुलूस निकलेगा। इस तरह से देश में बाल विवाह का मौजूदा 23% का आंकड़ा घटाकर 2025 के अंत तक 10% तक कम करने का लक्ष्य है।