शिक्षक दिवस भारत के सर्वोच्य पद से गर्त की ओर अग्रसर
शिक्षक दिवस भारत के सर्वोच्य पद से गर्त की ओर अग्रसर
P9bihar news
सत्येन्द्र कुमार शर्मा,
प्रधान संपादक।
भारत के सर्वोच्य पद पर आसीन शिक्षक के व्यक्तित्व कृतित्व की उपज शिक्षक दिवस आज गर्त की ओर अग्रसर होने की राह पर है। भारत के लोकतंत्र में प्रथम उपराष्ट्रपति व द्वितीय राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को एक शिक्षक को चरितार्थ करने के लिए स्मरण स्वरुप मनाया जाता रहा है लेकिन आज सर्वोच्च पद पाने की होड़ में उठने वाले सवालों से एक बार शिक्षक दिवस, शिक्षा ,शिक्षक सभी गर्त की ओर जाने के लिए अग्रसर हो रहे हैं।
आज प्राथमिक विद्यालय भोजनालय केन्द्र बना हुआ है,शिक्षक सरकारी कार्यों के लिए मशीनरी बने हुए हैं। तो उच्च शिक्षा केन्द्र सरकार की लूंज पूंज व्यवस्था से अनियमितताओं के दलदल में धंसते जा रहा है।लूट केन्द्र बना हुआ है।शिक्षक दिवस पर जब आज निगरानी विभाग के अधिकारियों का छापा पड़ा तो विश्वविद्यालय के भ्रष्ट कुलपति सहित अन्य अधिकारी द्वारा विश्वविद्यालय के पैसे का हेरफेर कर करोड़ रूपए का घोटाला किया गया और जो निगरानी के जांच से पूर्व में ही प्रमाणित हो चुका है। बावजूद कुलपति पर राज्यभवन और राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नही किया जा रहा है और भष्ट्राचारी के मनोबल को बढाया जा रहा हो। निगरानी के छापा सिर्फ सुर्खियां बटोर रहा है।
राज्य सरकार के शिक्षा के क्षेत्र में दागी दामन को चरितार्थ कर रहा है।शिक्षा शिक्षक का भविष्य में अंधकारमय होता जा रहा है।बीते दिनों मगध विश्वविद्यालय के कुलपति के गिरफ्तारी एवं कारवाई करने कि मांग राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा किया गया जो सुर्खी बना।उधर उच्च शिक्षा संस्थान में अनियमितता बार- बार उजागर हो रहा है और कोई कारवाई नहीं हो रही है।इसका एक दृष्टांत जय प्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा रहा जहां शिक्षक दिवस पर निगरानी का छापा सुर्खी बना।विश्व विद्यालय की संबद्ध ईकाई लोक महाविद्यालय हाफिजपुर में निगरानी के छापा में नामजद वगैर आरोप मुक्त हुए को दूबारा पद पर आसीन किया गया है।महाविद्यालय के पोर्टल में अनियमितता को प्रश्रय दिया गया है।
उधर मद्रास हाईकोर्ट ने मद्रास विश्वविद्यालय की गिरती साख पर चिंता जताते हुए कहा है कि भ्रष्ट कर्मचारियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए। अदालत की ओर से यह तल्ख टिप्पणी उस अधिकारी पर की गई जिसने धोखाधड़ी कर दो लोगों को सहायक लाइब्रेरियन के पद प्रोन्नत कर दिया है।
इसके बावजूद जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के अनुदानित लोक महाविद्यालय हाफिजपुर में आज भी अनियमितताओं का ढ़ेर लगता चला जा रहा है।
निगरानी द्वारा उच्च न्यायालय में मामला दर्ज कराने के बाद भी लोक महाविद्यालय हाफिजपुर में राशि की लूट धड़ल्ले से व्यापक पैमाने पर आज भी जारी है।लोक महाविद्यालय हाफिजपुर में राशि की लूट धड़ल्ले से व्यापक पैमाने पर दो दशक से लगातार किया जा रहा है।सरकार के पत्रांक-177 दिनांक 20.3.87,पत्रांक-272 दिनांक 11.1.90,पत्रांक-271 दिनांक 14.2.90 कोरा कागज बना हुआ है।अनुदान राशि को जमकर लूट लिया गया बंचित कर्मी को अनुदान से आज तक बंचित रखा गया पटना उच्च न्यायालय में निगरानी द्वारा दर्ज वाद प्रमाणित साक्ष्य है।
निगरानी टीम के जांच प्रतिवेदन में उक्त बातें साफ-साफ उल्लेख किया गया है कि नियम विरुद्ध तरीके से पद का भ्रष्ट दुरुपयोग करते हुए अनुदान का लाभ देकर सरकारी राशि की क्षति पहुंचाई गई है जिसके लिए शाशि निकाय के पदेन अधिकारी प्रत्यक्ष तौर पर दोषी है। जांच टीम ने जांच अवधि के प्राचार्य एवं सचिव को नामजद अभियुक्त बनाया है।गौरतलब यह है कि निगरानी द्वारा मामला दर्ज करने के बाद भी अनुदान भुगतान में पद का भ्रष्ट तौर पर दूरुपयोग का सिलसिला आज भी कायम है।
उधर हाल में राशि लूट की एक प्राथमिकी निगरानी जांच के नामजद वगैर आरोप मुक्त प्राचार्य द्वारा एक प्राथमिकी सहाजितपुर थाना में दर्ज कराई गई है जिस पर पुलिस अनुसंधान जारी है।जय प्रकाश विश्व विद्यालय ने हाल में प्राचार्य के पद पर पूर्व से नामजद प्राचार्य को कार्यभार संभालने का पत्र निर्गत किया है जिससे राज्य सरकार एवं विश्व विद्यालय के अधिकारियों को भी लूट में संलिप्त होने का प्रमाणित साक्ष्य व दृष्टांत प्रस्तुत कर दिया गया है।
अब जब प्राथमिक शिक्षा केन्द्र भोजन केन्द्र बना हुआ है और जब उच्च शिक्षा केन्द्र लूट का अड्डा बना हुआ है तब भारत के सर्वोच्च पद तक बातें पहुंच रही हैं अथवा नहीं शिक्षक दिवस के सार्थकता को गर्त की ओर अग्रसर होने के राह पर सबों को गणतंत्र लोकतंत्र बर्बस विचार ही शेष है।