तीन माह से वेतन के अभाव में शिक्षक परेशान :-शिक्षक संघ 

तीन माह से वेतन के अभाव में शिक्षक परेशान :-शिक्षक संघ 

तीन माह से वेतन के अभाव में शिक्षक परेशान :-शिक्षक संघ 

P9bihar news 

सत्येन्द्र कुमार शर्मा,सारण 

तीन माह से वेतन के अभाव में राज्य के शिक्षक परेशानी का दंश झेलने को विवश नजर आ रहे हैं। राज्य शिक्षक संघ के प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि पिछले तीन महीनों से शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है। वेतन के अभाव में कार्यरत शिक्षकों को कई प्रकार के परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


परेशानी का आलम यह है कि जो शिक्षक बैंक से ऋण लिए हुए है उन्हें किस्तवार राशि बैंक में जमा करने के साथ घरेलू आवश्यकता की पूर्ति करने में तो परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।उधर विभाग द्वारा रोज नए-नए आदेश निर्गत कर शिक्षकों को और परेशानी में डाल रही है।

ई. शिक्षा कोष ऐप लागू करने के लिए विभाग द्वारा पूरा दबाव है लेकिन शिक्षकों की सूविधा के लिए कोई पहल नहीं किया जा रहा है। ई. शिक्षा कोष के लिए एंड्रॉयड स्मार्टफोन के साथ नेट पैक की आवश्यकता होती हैं। जिसमें एक्स्ट्रा खर्च करना पड़ता हैं। और शिक्षकों को वेतन मिले तीन माह हो गया है। फिर ऐसी स्थिति में शिक्षकों को आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान होना पड़ रहा हैं।


गौरतलब यह है कि नियोजित शिक्षकों को बीस वर्ष की सेवा में शायद ही कभी वेतन अपडेट हुआ होगा। विभाग की ओर से कई बार प्रयास भी किया गया लेकिन सुधार नहीं हो पाया जो विभागीय उदासीनता को दर्शाता है।
 पिछले 11 जुलाई को हुए आंदोलन के उपरांत सरकार की ओर से शिक्षक संघ के नेताओं से वार्ता कर समस्याओं एवं मांगों को निदान करने की बात सदन में कही गई लेकिन आज तक वार्ता की कोई पहल होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है।


 विद्यालय के उपरांत प्रधानाध्यापक को विडियो कांफ्रेंसिंग बैठक में भाग लेने के लिए 20 किलोमीटर दूर तक जाना पड़ रहा है ऐसी स्थिति में शिक्षकों को शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ।
 अपने से जुनियर कर्मचारियों टोला सेवक, इंदिरा आवास सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, तालिमी मरकज जैसे अनुबंध कर्मियों से विद्यालय जांच करवाने की पहल सरकार की दोहरी गलत नीति साबित हो रही है।


संघ की ओर से सरकार एवं विभाग से मांग किया जाता है कि प्रति माह वेतन का भुगतान करने की व्यवस्था बहाल किया जाए। साथ ही विभागीय अधिकारियों से ही जांच कराई जाए, ई शिक्षा कोष के लिए मोबाइल एवं नेट के लिए राशि निर्गत करने के साथ विद्यालय से ही मोबाइल पर विडियो कांफ्रेंसिंग मीटिंग के जरिए विद्यालय का रिपोर्ट लेने की पहल विभाग एवं सरकार से करने की मांग की गई है।