प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) से टीबी उन्मूलन सम्भव
प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (टीपीटी) से टीबी उन्मूलन सम्भव
- टीबी पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
- अभियान चलाकर टीबी के बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी : सीएस
- एचआईवी व कोविड संक्रमितों में बढ़ा है टीबी संक्रमण
P9bihar news
प्रमोद कुमार
मोतिहारी,पू०च०l
मोतिहारी के एक निजी होटल में प्रोग्रैमेटिक मैनेजमेंट ऑफ़ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी) कार्य योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन वर्ल्ड विज़न, जिला यक्ष्मा केंद्र एवं डब्ल्यू जे क्लिंटन फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर रणजीत कुमार राय, डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट डॉक्टर कुमार गौरव, डॉक्टर सुनील कुमार चिकित्सा पदाधिकारी एवं डॉक्टर शरत चंद्रा शर्मा जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित डॉक्टर रणजीत राय, जिला संचारी रोग पदाधिकारी, मोतिहारी ने बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय रणनीति 2017-25 के अनुसार टीबी उन्मूलन के लिए लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए प्रोग्रैमेटिक मैनेजमेंट ऑफ़ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी) योजना के अंतर्गत लेटन टीबी इंफेक्शन वाले मरीज को चिन्हित कर उन्हें टीपीटी से जोड़ा जायेगा ताकि उनके शरीर के अंदर पनप रहे बैक्टेरिया को एक्टिव टीबी होने से पहले समाप्त कर दिया जाए। इससे टीबी फैलाब के चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी जो टीबी उन्मूलन के क्षेत्र में काफी सहायक होगा। उन्होंने इस अवसर पर सरकारी चिकित्सकों को कार्यक्रम में सहयोग करने की अपील की।
- टीबी की बीमारी, लक्षण, उपचार की दी जानकारी
सिविल सर्जन डॉक्टर अंजनी कुमार के द्वारा टीबी के लक्षण, उपचार एवं सरकार के द्वारा दी जा रही निक्षय पोषण योजना एवं अन्य सरकारी सुविधाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। एचआईवी व कोविड संक्रमितों में बढ़ा है टीबी संक्रमण, इसलिए अभियान चलाकर टीबी के बारे में जागरूकता फैलाना जरूरी है। इस अवसर पर प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित डॉक्टर कुमार गौरव , कन्सल्टेंट ने सरकार के प्रोग्रैमेटिक मैनेजमेंट ऑफ़ टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट (पीएमटीपीटी)योजना के बारे में बताया कि इस योजना के तहत सभी पलोमरी टीबी मरीज को चिन्हित कर उन्हें टीपीटी से जोड़ना है ताकि लेटन टीबी इंफेक्शन को समाप्त किया जा सके ।
उन्होंने इस अबसर पर डब्लू एच ओ के एक अध्ययन का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में विश्व स्तर पर तपेदिक संक्रमण (टीबीआई) का सबसे अधिक अनुमानित बोझ है, लगभग 35-40 करोड़ भारतीय आबादी में लेटेन टीबी इंफेक्शन है, जिनमें से 26 लाख सालाना तपेदिक (टीबी) रोग विकसित करने का अनुमान है । इसमें टीपीटी के बाद टीबी रोग विकसित होने का जोखिम लगभग 60% कम हो जाता है और एचआईवी (पीएलएचआईवी) के साथ रहने वाले लोगों में यह कमी 90% तक हो सकती है।
डॉक्टर सुनील कुमार चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि अगर हम किसी भी टीबी मरीज का इलाज करते हैं तो हमें उनके सम्पर्क में रह रहे सदस्यों को भी टीपीटी की सलाह देनी चाहिए ताकि टीबी के फैलाब को रोका जा सके।
- समाज से टीबी रूपी कलंक को जड़ से समाप्त करें : रामजनम सिंह
वर्ल्ड विज़न के डिस्ट्रिक्ट लीड रामजनम सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरे बिहार के 11 जिलों में चलाया जा रहा है जिसमें 5 जिला में इस कार्यक्रम का क्रियान्वन वर्ल्ड विज़न द्वारा किया जा रहा है । मोतिहारी जिला में इसकी शुरुआत माह जनवरी 2021 में किया गया। इस कार्यक्रम के तहत एलटीबीआइ काउंसलर के द्वारा सभी पलोमरी टीबी के घर में जाकर कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग कर वैसे मरीज को चिन्हित किया जा रहा है जिनमें एक्टिब टीबी का कोई लक्षण नहीं है।
तत्पश्चात वैसे मरीज को टीपीटी से जोड़क़र उन्हें 6 माह आइसोनियाजेड की दवा खिलाया जाटी है ताकि लेटन टीबी इंफेक्शन को समाप्त किया जा सके। डॉक्टर रणजीत राय, जि़ला संचारी रोग पदाधिकारी ने कहा कि डॉक्टर ईश्वर के रूप हैं और हमें ईश्वर ने ही अपने रूप में समाज की सेवा के लिए भेजा है । इस अवसर पर डॉ़ सुनील कुमार, डॉ शरत चंद्रा शर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ़ कुमार गौरव डब्लूएचओ कंसलटेंट, अमरेंद्र कुमार, अनिल कुमार, वर्ल्ड विजन संस्था से डिस्ट्रिक्ट लीड रामजनम सिंह फील्ड ऑफिसर जितेंद्र कुमार और टीपीटी काउंसलर अमित कुमार पाठक मौजूद थे।