सिजोफ्रेनिया का कराये इलाज झाड फुक से रहे दूर : डॉ. दीपक कुमार

सिजोफ्रेनिया का कराये इलाज झाड फुक से रहे दूर : डॉ. दीपक कुमार

सिजोफ्रेनिया का कराये इलाज झाड फुक से रहे दूर : डॉ. दीपक कुमार

प्रमोद कुमार 
मोतिहारी,पू०च०।
24 मई कों विश्व सिजोफ्रेनिया दिवस के अवसर पर पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी बिहार सरकार सह अमन हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. दीपक कुमार ने बताया है की सिजोफ्रेनिया एक मानसिक बीमारी है इसका समय पर इलाज और जागरूकता ही समझदारी है।

झाड फुक से रहे दूर रहना चाहिए।डॉ. कुमार ने बताया विश्वभर में तक़रीबन एक प्रतिशत लोगों कों सिजोफ्रेनिया की बीमारी है।ये बीमारी युवावस्था में शुरू हो जाती है। सिजोफ्रेनिया स्पष्ट रूप से सोचने, अपनी भावनाओ कों संभालने और दुसरो के साथ उचित व्यवहार करने की क्षमता कों प्रभावित करता है।

इसका मुख्य लक्षण व्यक्ति को कुछ आवाजें सुनाई देना या दिखाई देना जो वास्तव में उपस्थित नहीं है परंतु रोगी को पूरी तरह से वास्तविक प्रतीत होता है। इसके कारण रोगी कई बार स्वयं से बात करते हुए या अनुचित तरीके से बर्ताव करते हुए पाए जाते हैं।वहम होना रोगी को संदेह होता है कि आसपास के लोग उसे नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहे हैं, मरीज को भ्रम हो जाता है।

कई बार मरीज गुस्सा, हिंसक व्यवहार, अजीब हरकत करने लगता है।
मरीज खुद का ख्याल ठीक से नहीं रखता है।इसका इलाज इस बीमारी का कोई संकेत मिलने पर तुरंत अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ मनोचिकित्सक से दिखाना चाहिए।

इस बीमारी में मुख्य रूप से एंटीसाइकोटिक दवा चलता है, ज्यादा समस्या बढ़ने पर इलेक्ट्रिक शॉक भी देना पड़ता है, मरीज कों मानसिक सपोर्ट भी देना पड़ता है।